Mahakumbh 2025: बाबा रामदेव बोले, “आजकल किसी को भी महामंडलेश्वर बना रहे हैं”
Mahakumbh 2025 Controversy: योग गुरु बाबा रामदेव ने महाकुंभ और बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने महाकुंभ में रील्स के नाम पर सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स द्वारा फैलाई जा रही फूहड़ता पर भी अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि असली कुंभ मनुष्यता को देवत्व, ऋषित्व और ब्रह्मत्व में बदलने का अवसर है। सनातन को अनुभव करना, सनातन को जीना और सनातन को बढ़ाना ही धर्म है। सनातन के नाम पर कुछ भी छिछोरे शब्दों का प्रयोग करना गलत है। यह वह शाश्वत सत्य है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता।
सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को लेकर बोले बाबा रामदेव
उन्होंने कहा कि महाकुंभ आध्यात्मिक जागरण का पर्व है। इसमें धर्म की साधना होती है। उन्होंने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स द्वारा रील्स बनाने के नाम पर महाकुंभ में फैलाई जा रही फूहड़ता पर नाराजगी जताते हुए इसे रोकने की भी अपील की है। बाबा रामदेव ने कहा कि सनातन को समझना और उसे जीना एक अलग बात है, सनातन के नाम पर कुछ भी उल्टा-सीधा कहना एक अलग बात है। सनातन धर्म के नाम पर ओछी हरकतें (Mahakumbh 2025 Controversy) करने को उन्होंने गलत बताते हुए इसे रोकने के लिए भी कहा।
ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर भी बोले बाबा रामदेव
जब बाबा रामदेव से मीडिया ने ममला कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि एक दिन में संतत्व प्राप्त नहीं होता है। इसके लिए वर्षों की साधना लगती है। हम जैसे लोगों ने 50-60 वर्ष कठोर तप करने साधुता प्राप्त की है। साधु होना ही बड़ी बात है, इस पर महामंडलेश्वर बनना तो और भी कठिन है। परंतु आजकल किसी को भी बिना संतत्व, बिना योग्यता के महामंडलेश्वर बना दिया जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसा करने को उन्होंने गलत बताया। आपको बता दें कि न केवल बाबा रामदेव वरन शंकराचार्य और अन्य धार्मिक गुरु भी ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के विरोध में हैं।
किन्नर अखाड़े ने बनाया ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर
आपको बता दें कि किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को सन्यांस की दीक्षा देकर महामंडलेश्वर की उपाधि दी है। अभिनेत्री को नया नाम यमाई ममतानंद गिरी दिया गया है और अन्य किन्नर महामंडलेश्वरों की उपस्थिति में उनका पट्टाभिषेक किया गया। अभिनेत्री ने गंगा में डुबकी लगाकर स्वयं का पिंडदान किया और सन्यास धारण कर नई उपाधि ग्रहण की। इस पूरे मुद्दे पर बोलते हुए किन्नर अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि वह लंबे समय से धर्म का पालन कर रही थी और मेरे संपर्क में थी। समस्त धार्मिक परंपराओं का पालन करने के बाद ही अभिनेत्री को महामंडलेश्वर बनाया गया है।
महाकुंभ में धर्म और आध्यात्म से हट कर हो रही हैं बातें
इस बार का महाकुंभ बहुत खास है। यह महाकुंभ जिन ग्रह-नक्षत्रों में हो रहा है, वह मुहूर्त पूरे 144 वर्ष बाद आया है। ऐसे में यह धर्म और आध्यात्म की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। परंतु मीडिया में महाकुंभ की खबरें कम और वहां से जुड़ी ग्लैमरस खबरें (Mahakumbh 2025 Controversy) ज्यादा आ रही हैं, भले ही वो आईआईटी बाबा हो, हर्षा रिछारिया हो या मोनालिसा। इस बार मीडिया का पूरा ध्यान केवल सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स पर है न कि वहां होने वाली धर्म चर्चाओं पर। ऐसे में संत समाज सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स से नाराज भी है।
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