NEET-UG Case Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, गुरुवार को अगली सुनवाई
NEET-UG Case Hearing: नीट-यूजी (NEET-UG) पेपर में धांधली को लेकर सोमवार को देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। सोमवार को सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने इस बात को लेकर सवाल उठाए की एक ही सेंटर से 6 लोगों कैसे टॉप कर गए यह संभव नहीं है। अदालत ने यह भी पूछा कि जिन 67 लोगों को पूरे में से पूरे नंबर मिले हैं उनमें से कितनों को ग्रेस मार्क्स का फायदा मिला था। इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।
कोर्ट ने पूछे ये अहम सवाल?
कोर्ट ने इस मुद्दे पर कई अहम सवाल पूछे जैसे प्रश्न पत्र लॉकर में कब रखवाए गए थे? इसके बाद प्रश्व पत्र लॉकर से कब निकलवाए गए? परीक्षा के लिए कितने केंद्र बनाए गए थे और कितने विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी? विदेश में पेपर कब और कैसे भेजे गए? पेपर एक व्यक्ति तैयार करता है या एक से अधिक? पेपर किसकी देखरेख में रखे गए थे, एनटीए ने पेपर बैंक्स में कब भेजे थे? प्रश्न पत्रों की प्रिटिंग कौन करता है और उन्हें ट्रांसपोर्ट कैसे किया गया? पेपर प्रिंट होने के बाद प्रिटिंग प्रेस उसे एनटीए के पास कैसे पहुंचाता है और इस प्रक्रिया में कितने दिन लगते हैं?
कैसे होगी फर्जीवाड़े का लाभ उठाने वाले विद्यार्थियों की पहचान?
अदालत ने इस मामले में टिप्पणी की कि 24 लाख विद्यार्थियों के लिए नीट परीक्षा रद्द करना बड़ी बात होगी। यदि हम परीक्षा को रद्द नहीं करते हैं तो धांधली कर लाभ लेने वाले विद्यार्थियों की पहचान कैसे होगी। अदालत ने केंद्र से दो महत्वपूर्ण सवाल भी पूछे। पहला- क्या पूरी परीक्षा धांधली की वजह से प्रभावित हुई है? दूसरा- क्या ऐसा संभव है कि धांधली करने वालों की पहचान हो सके और केवल उन्हीं के लिए फिर से परीक्षा आयोजित हो?
तीन जजों की पीठ कर रही सुनवाई, चीफ जस्टिस भी शामिल
यह मुद्दा वर्तमान में देश के सबसे ज्वलंत मुद्दों में से एक है। मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन जजों की पीठ इसकी सुनवाई कर रही है। इस पीठ की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) कर रहे हैं। उनके अलावा इस पीठ में जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) और जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) भी शामिल हैं।
क्या है पूरा विवाद?
गौरतलब है कि 5 मई, 2024 को नीट परीक्षा आयोजित की गई थी। देशभर के 571 शहरों और कुल 4,750 परीक्षा केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में 24 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया था। 11 जून, 2024 को नीट परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई।
याचिका में नीट-यूजी 2024 परिणाम को वापस लेने और दोबारा परीक्षा आयोजित कराने की मांग की गई थी। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया था कि नीट परीक्षा परिणामों में मनमाने तरीके से ग्रेस मार्क दिए गए। इसी कारण से 67 विद्यार्थियों को पूरे में से अंक (720 में से 720) मिल गए। इससे एक बड़ी धांधली उजागर होती है।
ये विवाद तो एक तरफ चल ही रहा था दूसरी ओर सोशल मीडिया पर नीट परीक्षा के पेपर वायरल हो रहे थे। बाद में यह बात पुख्ता हो गई कि पेपर सच में लीक हुए थे। जैसे ही इस खबर ने तूल पकड़ा देशभर में धरने प्रदर्शन शुरू हो गए। इस मुद्दे को लेकर देश की संसद में भी भारी हंगामा देखने को मिला था। विपक्षी सांसदों ने सरकार को जमकर घेरा था और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे तक की मांग की थी।
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