Rape Laws in India: पोर्न कंटेंट के चलते बढ़ रहे हैं रेप, जानिए देश में क्या हैं सजा के प्रावधान?

Rape Laws in India: भोपाल। कोलकाता रेप केस के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में एक के बाद एक जिस तरह रेप की वारदातें सामने आ रही हैं, उसने लोगों के विश्वास को हिला कर रख दिया है। महाराष्ट्र के...
rape laws in india  पोर्न कंटेंट के चलते बढ़ रहे हैं रेप  जानिए देश में क्या हैं सजा के प्रावधान

Rape Laws in India: भोपाल। कोलकाता रेप केस के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में एक के बाद एक जिस तरह रेप की वारदातें सामने आ रही हैं, उसने लोगों के विश्वास को हिला कर रख दिया है। महाराष्ट्र के बदलापुर में छोटी बच्चियों के साथ यौन शोषण की शिकायतों ने समाज में बढ़ते पोर्न के दुष्प्रभाव पर ध्यान आकर्षित करने का काम किया है। यही वजह है कि देश में एक बार फिर से पोर्न और अश्लील कंटेंट पर नियंत्रण (Rape Laws in India) को लेकर बहस छिड़ गई है। इस काम के लिए कई कठोर कानून भी पास किए गए हैं। आइए जानते हैं, अभी देश में क्या स्थिति है।

अधिकतम समाजविद मानते हैं पोर्न को जिम्मेदार 

समाज में बढ़ती रेप और यौन शोषण की घटनाओं के पीछे एक्सपर्ट पोर्न कंटेंट को जिम्मेदार मानते हैं। उनके अनुसार जब कोई व्यक्ति लगातार पोर्न देखता है तो उसके दिमाग की स्थिति भी उसी तरह से बदलने लगती है। उसके दिमाग में हमेशा वही सब कल्पनाएं घूमने लगती हैं और वह रेप जैसी वारदातों को अंजाम दे डालता है। मनोवैज्ञानिकों और समाजशास्त्रियों के अनुसार इस तरह की वारदातों को रोकने के लिए पोर्न कंटेंट पर रोक लगाना सबसे ज्यादा जरूरी है। केन्द्र और राज्य सरकारें भी इस दिशा में जरूरी कदम उठा रही है। पोर्न कंटेंट से जुड़ी वेबसाइट्स को भी समय-समय पर बैन किया जाता है।

अभी क्या है भारत में पोर्न कंटेंट पर स्थिति

सामान्य रूप से भारत सरकार पोर्न कंटेंट को बैन करने की पॉलिसी फॉलो करती है। इसमें भी यदि रेप, गैंगरेप या चाइल्ड पोर्न से जुड़े मामलों में सरकार बहुत सख्त नीति अपनाती है। हालांकि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए कहा था कि कोई यूजर यदि अपने फोन, लैपटॉप या कम्प्यूटर पर पोर्न देखता है तो वह कानून का उल्लंघन नहीं है। लेकिन पोर्न कंटेंट को डाउनलोड करना, सेव करना या दूसरों के साथ शेयर करना अपराध है। इसके लिए सजा भी हो सकती है।

नई भारतीय न्याय संहिता में भी है कठोर प्रावधान

यदि इस मुद्दे पर कानून की बात करें तो हाल ही भारत सरकार द्वारा लागू किए गए भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 294 और 295 में पोर्न कंटेंट को रेग्यूलेट करने के प्रावधान दिए गए हैं। इन धाराओं के तहत कोई भी ऐसा कंटेंट जो समाज पर भ्रष्ट प्रभाव डाले या किसी की यौन उत्तेजना को बढ़ाए, उसे अश्लील माना गया है। ऐसे कंटेंट की बिक्री, शेयरिंग या पब्लिक डिस्प्ले करना अपराध है एवं इसके लिए सख्त सजा का भी प्रावधान किया गया है।

IWRA Act 1986 लगाता है महिलाओं के गलत चित्रण पर रोक

इसी तरह IRWA Act 1986 के तहत महिलाओं को गलत तरीके से दिखाना तथा उनकी गरिमा का हनन करना भी एक अपराध माना गया है। इस कानून के तहत महिलाओं के आपत्तिजनक चित्रण तथा प्रजेंटेशन पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। इसका उल्लंघन करने पर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

यौन अपराधों से बच्चों को बचाने के लिए वर्ष 2012 में POCSO अधिनियम लाया गया था। इस अधिनियम की धारा 14 के अन्तर्गत बच्चों के यौन शोषण (Rape Laws in India) को निकृष्टतम अपराध मानते हुए कठोर सजा का प्रावधान रखा गया है। बाद में इस कानून में बदलाव करते हुए यौन शोषण के दायरे को भी बढ़ाया गया है और बच्चों को सुरक्षित करने के लिए हरसंभव उपाय करने का प्रयास करते हुए अपराधी को शीघ्र से शीघ्र सजा देने की बात कही गई है।

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