NEET UG Exam: SC ने कहा, पेपर लीक का असर पटना, हजारीबाग तक सीमित, इसलिए रद्द नहीं हुई परीक्षा
NEET UG Exam: पटना। नीट यूजी एग्जाम में सामने आई खामियां तथा इनके नतीजों को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है। ऐसे में भी सुप्रीम कोर्ट ने पूरी परीक्षा को रद्द न करते हुए दूसरी व्यवस्था की है जिस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। अब सुप्रीाम कोर्ट ने विस्तार से बताते हुए कहा है कि नीट यूजी परीक्षा में व्यवस्थागत खामी नहीं होने की वजह से इस परीक्षा को यथावत रखा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि नीट परीक्षा को रद्द कर दिया जाता तो इसमें बैठने वाले लाखों परीक्षार्थियों के मनोबल पर बुरा प्रभाव पड़ता और उनका नुकसान होता। कोर्ट ने कहा कि जांच में हमें पता चला है कि एग्जाम में पेपर लीक की घटना तथा इसका प्रभाव पटना और हजारीबाग जैसे क्षेत्रों तक ही सीमित था। पेपर लीक का व्यापक प्रभाव नहीं होने के कारण ही ऐसा किया गया।
NTA करें दूर खामियों को
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जजों ने अपने फैसले में एनटीए की खामियों तथा परीक्षागत व्यवस्था पर भी बात की है। निर्णय में उल्लेख की गई सभी खामियों को इस वर्ष तक दूर कर लेना चाहिए ताकि आने वाले भविष्य में उनका दुष्प्रभाव देखने को न मिलें। कोर्ट ने कहा कि हमने NEET UG Exam रद्द नहीं किया है लेकिन एनटीए को इस एग्जाम में सामने आई खामियों को दूर करना होगा।
कोर्ट ने कमेटी को दिए सुधार के सुझाव देने के निर्देश
इस संबंध में कोर्ट ने इसरो के पूर्व चीफ के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली कमेटी को भी एनटीए परीक्षा में होने वाली खामियों को दूर करने के लिए सुझाव देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कमेटी को 30 सितंबर तक की समय सीमा भी दी है। कमेटी जांच के बाद कोर्ट को बताएगी कि किस तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं में ट्रांसपेरेंसी बढ़ाई जा सकती है और उन्हें किस प्रकार अधिकाधिक निष्पक्ष बनाया जा सकता है।
हर वर्ष लाखों बच्चे देते हैं NEET UG Exam
हर वर्ष मेडिकल फील्ड से जुड़े कोर्सेज में एडमिशन के लिए लाखों बच्चे नीट यूजी का एग्जाम देते हैं। इस वर्ष भी देश के 571 शहरों के 4700 से अधिक सेंटर पर एग्जाम हुआ था। इस एग्जाम में करीब 23 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया था। हालांकि बाद में पेपर लीक की घटनाएं सामने आने पर लोग परीक्षा रद्द करने की मांग करने लगे थे।
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