Avani Lekhara Biography: 11 वर्ष की उम्र में लकवा, फिर गॉलब्लेडर की सर्जरी, ऐसे पेरिस पैरालंपिक में अवनी ने जीते दो गोल्ड मेडल

Avani Lekhara Biography: अभी पेरिस में चल रहे पैरालंपिक खेलों में भारतीय शूटर अवनी लखेरा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीत लिया है। अवनी ने इस मेडल को जीतने के साथ ही 249.7 का...
avani lekhara biography  11 वर्ष की उम्र में लकवा  फिर गॉलब्लेडर की सर्जरी  ऐसे पेरिस पैरालंपिक में अवनी ने जीते दो गोल्ड मेडल

Avani Lekhara Biography: अभी पेरिस में चल रहे पैरालंपिक खेलों में भारतीय शूटर अवनी लखेरा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीत लिया है। अवनी ने इस मेडल को जीतने के साथ ही 249.7 का स्कोर बना कर एक नया रिकॉर्ड बना लिया है। यही नहीं अवनी लगातार दो पैरालंपिक्स (टोक्यो और पेरिस ओलंपिक) में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय शूटर बन गई है। उनसे पहले आज तक कोई भी भारतीय शूट ऐसा कारनामा नहीं कर पाया है। इसके अलावा वह पैरालंपिक में 3 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय शूटर (Avani Lekhara Biography) भी बन चुकी है।

22 माह पहले ही करवाई थी अवनी ने सर्जरी

अवनी की यह उपलब्धियां इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती हैं कि उन्होंने महज 22 माह पहले ही गॉलब्लेडर की पथरी निकलवाने के लिए ऑपरेशन करवाया था। उनके गॉलब्लेडर में पथरी थी, जिसकी वजह से अवनी को पेट तथा कमर के आस-पास लगातार दर्द बना रहता था। इसके चलते उनकी फिटनेस और ट्रेनिंग दोनों प्रभावित हो रही थी। जबकि अवनी पेरिस पेरालंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहती थी जिसके चलते उन्होंने अपनी सर्जरी करवाने का निर्णय लिया। सर्जरी के बाद उन्होंने जमकर प्रेक्टिस की और उसी का नतीजा उनके मेडल्स के रूप में सामने आया है।

11 वर्ष की उम्र में एक्सीडेंट के चलते आया लकवा

अवनी लखेरा का जन्म (Avani Lekhara Biography) राजस्थान की राजधानी जयपुर में 8 नवंबर 2001 को हुआ था। जब वह 11 वर्ष की थी तब एक कार दुर्घटना के चलते वह पैराप्लेजिया से पीड़ित हो गई। यह रीढ़ की हड्डी में होने वाली एक ऐसी चोट है जो शरीर के निचले अंगों को पूरी तरह से अपंग कर देती है। यह उनके जीवन का एक ऐसा समय था जो अच्छे-अच्छों को हतोत्साहित कर देता है लेकिन उन्होंने इसे ही अपनी ताकत बना लिया।

अवनी के पिता ने उन्हें खेलों में आगे बढ़ाने का निर्णय लिया और उन्होंने शूटिंग को चुना। केन्द्रीय विद्यालय 3 में पढ़ते हुए अवनी ने अपने जीवन का पहला गोल्ड मेडल जीता था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वह पूरे विश्व में अपना नाम रोशन कर रही हैं।

पद्यश्री पुरस्कार से हो चुकी हैं सम्मानित

अवनि की उपलब्धियां केवल पैरालंपिक तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि वह वर्ल्ड कप में भी दो गोल्ड मेडल सहित तीन मेडल जीत चुकी है। उन्होंने 2022 में फ्रांस में हुए वर्ल्ड कप में दो गोल्ड मेडल जीते थे। वर्ष 2022 में ही हुए एशियाई पैरा गेम्स में भी शूटिंग में अवनी लखेरा गोल्ड जीत चुकी हैं। उनके इन कारनामों की वजह से अवनी लखेरा को गोल्डन गर्ल भी कहा जाता है। वर्ष 2022 में भारत सरकार ने उन्हें पद्यश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।

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