Britain Riots: ब्रिटेन में भड़का हिंसक उपद्रव, पिछले 13 वर्षों में सर्वाधिक भयावह, अब तक कई घायल

Britain Riots Latest News: इंग्लैंड। ब्रिटेन में चल रहे नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन की आग अब कई शहरों तक पहुंच गई है। इन दंगों को देश के पिछले 13 वर्षों के इतिहास में सबसे भयावह और हिंसक माना जा रहा है।...
britain riots  ब्रिटेन में भड़का हिंसक उपद्रव  पिछले 13 वर्षों में सर्वाधिक भयावह  अब तक कई घायल

Britain Riots Latest News: इंग्लैंड। ब्रिटेन में चल रहे नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन की आग अब कई शहरों तक पहुंच गई है। इन दंगों को देश के पिछले 13 वर्षों के इतिहास में सबसे भयावह और हिंसक माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि दंगे की शुरूआत उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड में तीन युवतियों की हत्या के बाद हुई थी। अब इसकी लपेट में धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्से भी आ रहे हैं।

ब्रिटेन के कई बड़े शहरों में फैला दंगा

फिलहाल इंग्लैंड के चार बड़े शहर लिवरपूल, ब्रिस्टल, हल और बेलफास्ट में विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुका है। यहां पर अप्रवासी विरोधी प्रदर्शनकारियों तथा नस्लवाद के विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच सीधी भिडंत हुई। इस बीच कई पुलिस अधिकारियों को चोटें भी आईं जिन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ा।

नार्थ-वेस्ट शहर की निगरानी करने वाली पुलिस के प्रमुख ने कहा कि शहर में प्रदर्शनकारियों और विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर भिडंत हुई जिसमें काफी नुकसान हुआ है। पुलिस ने बताया कि लिवरपूल में भी दो अधिकारी गंभीर रूप से चोटग्रस्त हो गए, जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी को उसकी बाईक से धक्का दे दिया गया।

पुलिस ने बताया कि कुछ जगहों पर संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया है और लूटपाट की गई। बेलफास्ट में कई जगहों पर आगजनी भी होने की खबरें हैं। दंगों को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन हरसंभव प्रयास में जुटे हुए हैं। सदरलैंड के पुलिस अधीक्षक मार्क हॉल ने बताया कि यह विरोध प्रदर्शन (Britain Riots News) नहीं है बल्कि एक अक्षम्य हिंसा और दंगा है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने भी की दंगों की निंदा

हाल ही इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बने कीर स्मार्मर ने भी हिंसक उपद्रव की निंदा करते हुए पुलिस की कड़ी कार्रवाई का समर्थन किया है। पीएम कार्यालय ने बताया कि इस संबंध में शनिवार को सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ एक मीटिंग भी हुई जिसमें दंगों की रोकथाम के लिए चर्चा की गई। उल्लेखनीय है कि कीर ने एक माह पूर्व ही प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उनसे पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को भी इस्तीफा देना पड़ा था।

इसलिए हो रहे हैं दंगे

कुछ समय पूर्व इंग्लैंड में तीन युवतियों की संदिग्ध हालात में हत्या हो गई थी। घटना के तुरंत बाद ही सोशल मीडिया पर एक 17 वर्षीय मुस्लिम अप्रवासी से जुड़ी खबरें वायरल होने लगी जिसमें उसे इन हत्याओं का जिम्मेदार बताया गया था। युवतियों की हत्या से उत्तेजित लोगों ने सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को सही मानते हुए मुस्लिमों और अप्रवासियों के खिलाफ प्रदर्शन (Britain Riots News) करना शुरु कर दिए।

धीरे-धीरे इन विरोध प्रदर्शनों को काउंटर करने के लिए मुस्लिम अप्रवासियों ने भी नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन शुरु किए जिसके चलते दोनों गुटों में भिडंत होने लगी और प्रदर्शन हिंसक उपद्रव में बदल गया। अब इन दोनों ही गुटों के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में झड़प हो रही हैं जिसके कारण आम जनता को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

पिछले 13 वर्षों में अब तक के सबसे हिंसक उपद्रव है

इन हिंसक प्रदर्शनों को देश के पिछले 13 वर्षों के इतिहास में सबसे भयावह और हिंसक बताया जा रहा है। इससे पूर्व वर्ष 2011 में भी इसी तरह की हिंसा हुई थी जब पुलिस ने एक अश्वेत नागरिक को गोली मार दी थी। उस समय भी नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन हुए थे जो धीरे-धीरे हिंसा में बदल गए।

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