Hindu in Bangladesh: जन्माष्टमी के ठीक पहले मोहम्मद यूनुस ने कहा, "हिंदुओं की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे"

Hindu in Bangladesh: भोपाल। बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद से अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ लगातार हो रही हिंसा तथा तथा भेदभाव पर अब रोक लगने की उम्मीद जागी हैं। देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं...
hindu in bangladesh  जन्माष्टमी के ठीक पहले मोहम्मद यूनुस ने कहा   हिंदुओं की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे

Hindu in Bangladesh: भोपाल। बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद से अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ लगातार हो रही हिंसा तथा तथा भेदभाव पर अब रोक लगने की उम्मीद जागी हैं। देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में एक जन्माष्टमी के ठीक पहले एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों (Hindu in Bangladesh) के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। यूनुस ने इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाने की भी घोषणा की।

जन्माष्टमी से ठीक एक दिन पहले दिलाया अल्पसंख्यकों को सुरक्षा का भरोसा

देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा बांग्लादेश छोड़ने के बाद से देश में हिंसा का माहौल बना हुआ है। अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ अत्याचार और लूटपाट की घटनाएं हो रही हैं। पुलिस और सुरक्षा बल भी इन दंगों को नहीं रोक पा रहे हैं। ऐसे में सभी को लग रहा था इस बार देश में जन्माष्टमी तथा अन्य हिंदू पर्व नहीं मनाए जाएंगे। परन्तु मोहम्मद यूनुस के भाषण के बाद माना जा रहा है कि अब शायद हिंदुओं के साथ हो रहा भेदभाव और हिंसा कम होगी।

क्या कहा था मोहम्मद यूनुस

नोबल पुरस्कार जीत चुके यूनुस ने आम जनता और छात्रों से किए सभी वादों को भी पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हम ट्रांसपेरेंट तरीके से इलेक्शन करवाने के लिए तैयारियां कर रहे हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से भी अपना विरोध वापिस लेने की अपील की। यूनुस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के चलते लोग काम नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में हम आंदोलनकारियों से अपील करते हैं कि वे अपने घरों को लौट जाए और सरकार को कुछ वक्त दें। जल्द ही सभी चीजें ठीक होंगी।

5 अगस्त से देश में भड़की हुई है हिंसा

अगस्त माह की शुरूआत में ही देश में छात्रों ने सरकार विरोधी प्रदर्शन आरंभ कर दिए थे। जल्द ही विरोध हिंसक हो गया और तोड़फोड़ होने लगी। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी ऑफिसों और सार्वजनिक जगहों को निशाना बनाना आरंभ कर दिया। सरकार विरोधी भावना बढ़ते देख तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तुरंत ही देश छोड़ दिया और भारत में शरण ले ली।

शेख हसीना के जाने के बाद सेना ने देश की सत्ता संभाल कर अंतरिम सरकार का गठन किया। नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को इस सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया। साथ ही जेल में बंद सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं को भी रिहा कर दिया गया। हालांकि इसके साथ ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ भेदभाव और हिंसा बढ़ने लगी। उन्हें चुन-चुन कर निशाना बनाने की खबरें सामने आने लगी।

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