Israel Attack on Iran: इजरायल का ईरान पर जवाबी हमला, 100 फाइटर जेट्स ने मचाई तबाही
Israel Attack on Iran: ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान में 100 से अधिक लड़ाकू विमानों को भेज कर हमला किया है। इनमें अत्याधुनिक एफ-35 फाइटल प्लेन भी शामिल था। यह हमला शुक्रवार रात और शनिवार सुबह कई स्टेज में किया गया था। इस हमले को ‘डेज ऑफ रिपेंटेंस’ नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस हमले में इजरायल के सभी लड़ाकू विमान और पायलट सकुशल वापिस लौट आए हैं।
ईरान के तेल संयंत्र और परमाणु संयंत्रों को नहीं पहुंचा नुकसान
इजरायल ने अपने हमले में ईरान के कई अंदरूनी हिस्सों में जाकर सैन्य ठिकानों (Israel Attack on Iran) को अपना निशाना बनाया। हालांकि इन हमलों के दौरान इजरायल ने ईरान के तेल संयंत्र और परमाणु संयंत्रों को नुकसान नहीं पहुंचाया है। माना जा रहा है कि तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाओं को रोकने के लिए ही इजरायल ने इस तरह से हमला किया है।
हमले के बाद ईरान ने भी आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि इजरायली हमलों में इलम, खुजेस्तान और तेहरान प्रांत में स्थित आर्मी बेस को निशाना बनाया गया था हालांकि ईरान ने हमलों में नुकसान नहीं होने का दावा भी किया। माना जा रहा है कि जल्द ही ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा। इस हमले के बाद दोनों देशों और खाड़ी क्षेत्र में बड़े युद्ध की आशंकाएं मंडराने लगी हैं।
20 साल से कर रहा था इजरायल इस हमले की तैयारी
इजरायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल हगारी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सभी फाइटर प्लेन्स ऑपरेशन (Israel Attack on Iran) को कुशलतापूर्वक अंजाम देने के बाद सुरक्षित लौट आए हैं। इजरायल ने इस हमले को करने के लिए पिछले 20 सालों तक तैयारी की है। अरबों डॉलर का निवेश कर खास हथियारों को विकसित किया गया है। कुछ हथियारों को अपडेट किया गया है। इजरायल ने लंबी दूरी की सुपरसोनिक मिसाइलों को भी विकसित किया है जो पूरे ईरान तक मार कर सकती हैं।
अमरीका ने किया सपोर्ट तो मुस्लिम देशों ने की हमले की निंदा
ईरान पर हमले के तुरंत बाद ही सऊदी विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए इजरायली हमले (Israel Attack on Iran) की निंदा की और इसे ईरानी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। मलेशिया ने भी इस युद्ध को तुरंत रोकने की जरूरत जताते हुए हमले रोकने की बात कही। वहीं दूसरी ओर अमरीका ने इजरायली हमलों को उसके आत्मरक्षा का अधिकार बताया।
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