Telegram के सीईओ को किया गया था हनी-ट्रेप, इस हसीना ने करवाया था गिरफ्तार
Telegram CEO Pavel Durov: भोपाल। सोशल मैसेजिंग ऐप Telegram के फाउंडर और सीईओ पावेल डुरोव को 24 अगस्त को पेरिस के बाहर बॉर्गेट हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया था। माना जा रहा है कि उन्हें टेलीग्राम के आपराधिक उपयोग को रोकने में असफल रहने के कारण हिरासत में लिया गया है। अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट में दावा किया गया है कि पावेल को हनी-ट्रैप में फंसाया गया था। इस दौरान एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर उनके साथ थी जो कथित तौर पर उनके साथ ही कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और अजरबैजान की यात्रा में उनके साथ थी।
बताया जा रहा है कि जूली ने अधिकारियों को दी थी पॉवेल से जु़ड़ी जानकारी
उस महिला का नाम जूली वाविलोवा बताया जा रहा है। उसने अपने इंस्टा अकाउंट पर इस यात्रा की कई तस्वीरें भी शेयर की हैं। कई लोगों का मानना है कि संभवतया इन पोस्ट के जरिए अधिकारियों को डुरोव के ठिकाने की जानकारी दी गई थी। आपको बता दें कि जब टेलीग्राम के सीईओ को अरेस्ट किया गया था तब जूली उनके साथ ही थी। लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि क्या जूली को भी गिरफ्तार किया गया है। वह पॉवेल के साथ यात्रा पर थी और दोनों अपनी अलग-अलग तस्वीरें शेयर कर रहे थे।
कौन है जूली वाविलोवा
जूली की इंस्टा प्रोफाइल के अनुसार वह एक गेमर और ट्विच स्ट्रीमर है। दुबई में रहती है और पावेल (Telegram CEO Pavel Durov) की तरह ही क्रिप्टो में भी रुचि रखती है। इंस्टाग्राम पर जूली के 22000 से अधिक फॉलोवर्स हैं तथा वह अंग्रेजी, स्पेनिश और रुसी भाषा जानती है। कुछ लोगों का मानना है कि वह इजरायली जासूसी एजेंसी मोसाद की एजेंट भी हो सकती है। माना जा रहा है कि उन्होंने टेलीग्राम के सीईओ को हनी ट्रैप किया और उनके बारे में फ्रांसीसी अधिकारियों को जानकारी देने वाली पोस्ट इंस्टा पर शेयर की। इससे अधिकारियों के लिए पावेल को गिरफ्तार करना आसान हो गया।
कोर्ट ले सकती है पॉवेल को रिहा करने का फैसला
पावेल की गिरफ्तारी के बाद टेलीग्राम ने कहा कि टेलीग्राम डिजिटल सेवा अधिनियम सहित यूरोपीय संघ के कानूनों का पालन करता है - इसका मॉडरेशन सभी नियमों का भी पालन करता है। साथ ही यह दावा करना बेतुका है कि कोई प्लेटफ़ॉर्म या उसका मालिक उस प्लेटफ़ॉर्म के दुरुपयोग के लिए ज़िम्मेदार है। वहीं दूसरी ओर ड्यूरोव की हिरासत को 96 घंटों तक की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसके बाद कोर्ट पॉवेल को रिहा करने या आगे हिरासत में भेजने का निर्णय ले सकती है।
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