Donald Trump: ट्रंप की नीतियां बदलेंगी अमरीका और दुनिया का माहौल, हर जगह चलेगी 'अमेरिका फर्स्ट' पॉलिसी
US President Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमरीका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के साथ ही दुनिया में बहुत कुछ बदलने वाला है। ग्लोबल पॉलिटिकल एक्सपर्टस अभी से इस उधेड़बुन में लग गए हैं कि आने वाले दिनों में वर्ल्ड इकोनॉमी और पावर स्ट्रगल को लेकर ट्रंप का क्या रूख रहेगा और किस तरह उससे लाभ उठाया जाए। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने जिस तरह 'अमेरिका फर्स्ट' का नारा दिया था और बढ़-चढ़कर अमरीकियों के हित की बात की थी, उसे देखते हुए आने वाले समय में भारत और चीन सहित कई देशों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
ट्रंप की नीतियों के चलते पूरे विश्व में बनेंगी नई परिस्थितियां
माना जा रहा है कि ट्रंप अपने देश में बहुत से महत्वपूर्ण बदलाव करेंगे जिनकी एक झलक उनके शपथ ग्रहण वाले दिन ही दिख गई। उन्होंने शपथ लेते ही विदेशी कपल्स के बच्चों को मिले जन्मसिद्ध नागरिकता के अधिकार को खारिज करने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है वह ऐसे कई निर्णय लेने वाले हैं जिनका प्रभाव दुनिया भर में पड़ेगा। सोशल मीडिया पर भी ट्रंप ने अपने पर्सनल तथा आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से कई ट्वीट्स करते हुए अपने आने वाले दिनों की एक झलक दिखाई है।
President Trump is delivering results from Day One—and he’s just getting started!
🇺🇸 42 Executive Orders, Memoranda, & Proclamations
🇺🇸 115 Personnel Actions
🇺🇸 Over 200 Executive Actions
🇺🇸 60 Minutes of Press Q&APromises Made, PROMISES KEPT. pic.twitter.com/jpRF390zgA
— The White House (@WhiteHouse) January 21, 2025
ग्लोबल सप्लाई चेन पर पड़ेगा असर
डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति वैश्विक अर्थव्यवस्था को चुनौती दे सकती है। जिन देशों के साथ व्यापार घाटा चल रहा है, उन पर ट्रंप व्यापार शुल्क लगा सकते हैं जो 10 फीसदी से लेकर 60 फीसदी तक हो सकता है जिसके चलते चीन, वियतनाम जैसे मैन्यूफैक्चरिंग हब देशों पर काफी असर पड़ेगा। ऐसे में वैश्विक स्तर पर एक नया व्यापार युद्ध शुरू हो सकता है। व्यापार पर प्रतिबंध लगाए जाने से खुली अर्थव्यवस्था यथा यूरोपीय संघ और एशिकाय पर खासा असर पड़ेगा। ऐसे में जिन देशों के साथ अमरीका के अच्छे संबंध हैं, वे भी कष्ट में आ सकते हैं।
अमेरिका के नेतृत्व वाली अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का पुनर्गठन
ट्रंप (Donald Trump) के अभी तक के रूख को देखते ही अमरीका आने वाले समय में यूक्रेन को वित्तीय और सैन्य सहायता रोक सकते हैं और रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान निकाल सकते हैं। इनके अलावा नाटो जैसे सैन्य संगठनों में भी अमरीका का प्रभाव बढ़ेगा। माना जा रहा है कि ट्रंप बिना कुछ लेन-देन के अपने सहयोगियों को सुरक्षा गारंटी नहीं देना चाहेंगे। ऐसे में अमरीकी नेतृत्व वाली ग्लोबल इकोनॉमी पर भी इसका नेगेटिव असर पड़ सकता है जो आखिर में किसी बड़े ध्रुवीकरण को जन्म दे सकता है।
AMERICA IS BACK. 🇺🇸
Every single day I will be fighting for you with every breath in my body. I will not rest until we have delivered the strong, safe and prosperous America that our children deserve and that you deserve. This will truly be the golden age of America. pic.twitter.com/cCuSV8Q44Z
— President Donald J. Trump (@POTUS) January 20, 2025
जलवायु नीतियों पर अलग होगा Donald Trump का रुख
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से पर्यावरण संरक्षण करने वाली नीतियों से अलग होने की वकालत करते रहे हैं। इसकी एक झलक उन्होंने दिखा भी दी है, वह कई पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने वाली संधियों से खुद को अलग कर रहे हैं। ऐसे में जीवाश्म उद्योग (पेट्रोल-डीजल) को फिर एक बार बूम मिल सकता है जो कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के आने से खतरे में अनुभव हो रहा था। इन क्षेत्रों में अमरीका पहले से ही काफी मजबूत है।
एशियाई अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुँचाने वाली संरक्षणवादी नीतियां
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने का सबसे बड़ा नुकसान एशियाई अर्थव्यवस्था (भारत, चीन आदि) को होगा। चीन पर उच्च आयात शुल्क (60 फीसदी तक) लगाया जा सकता है जबकि अन्य एशियाई देश भारत, जापान, कोरिया आदि पर 10 से 20 फीसदी तक इम्पोर्ट शुल्क लग सकता है। ऐसे में एशियाई देशों के लिए अपनी इकॉनोमी को संभालना बहुत कठिन होगा। जिन देशों में अमरीकी निवेशकों का पैसा लगा हुआ है, वे भी काफी हद तक ट्रंप (US President Donald Trump) की नीतियों से प्रभावित होंगे जिसका सीधा असर उनकी इकॉनोमी पर दिखाई देगा। एशियाई देशों की करेंसी के मुकाबले डॉलर की मजबूती महंगाई का कारण बन सकती है।
लैटिन अमेरिकी देशों में शुरू हो सकता है अस्थिरता का दौर
ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति का बड़ा असर उन लैटिन अमरीकी देशों पर भी पड़ेगा जिनकी अर्थव्यवस्था अमरीका को निर्यात किए जाने वाले माल से ही चलती है। इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाए जाने पर ऐसे देशों का एक्सपोर्ट बिजनेस कम हो सकता है और वहां पर गरीबी और महंगाई बढ़ने की संभावनाएं बन सकती हैं। इनके साथ ही कनाड़ा को अमरीका में मिलाए जाने जैसे बयान भी विदेशी संबंधों के खराब होने का कारण बन सकते हैं।
कुल मिलाकर अमरीकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) कई बड़े फैसले लेंगे जिनके दूरगामी प्रभाव होंगे और जो वैश्विक अर्थव्यवस्था और राजनीति पर गहरा असर डालेंगे। ऐसे में यह देखना वाकई रोचक होगा कि बाकी देश किस तरह से नई परिस्थितियों से सामंजस्य बैठा पाएंगे।
ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन के 1000 अधिकारियों को किया सस्पेंड
अमरीका का राष्ट्रपति पद संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा नियुक्त किए गए लगभग 1000 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। इस लिस्ट में कई टॉप अधिकारी भी शामिल हैं जिन्हें बाइडेन ने पद छोड़ने के कुछ घंटे पहले ही माफी दी थी। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद आधी रात को ही ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट पर चार टॉप अधिकारियों को नोटिस दे दिया। माना जा रहा है कि आने वाले समय में ट्रंप ऐसे हजारों कर्मचारियों और अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं।
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