Blood Clotting Danger: सावधान! एंग्जायटी और डिप्रेशन के कारण बढ़ जाता है ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग का खतरा, स्टडी में हुआ खुलासा
Blood Clotting Danger: एंग्जायटी और डिप्रेशन कई बिमारियों की मूल जड़ है। चिंता और अवसाद के कारण हृदय संबंधी समस्याएं, कमजोर इम्यून सिस्टम और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार जैसी शारीरिक समस्याएं पैदा होती हैं। लेकिन अब एक स्टडी में पता चला है कि चिंता और अवसाद के कारण ब्रेन (Blood Clotting Danger) संबंधी परेशानी भी हो सकती है।
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि चिंता या अवसाद के कारण आपके ब्रेन में दिक्कत हो सकती है और इससे मष्तिष्क में रक्त के थक्के जमने (Blood Clotting Danger) का खतरा लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
कहां हुआ यह अध्धयन?
अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के शोधकर्ताओं ने चिंता और अवसाद और डीप वीन थ्रोम्बोसिस के जोखिम के बीच संबंधों को समझने के लिए 1.1 लाख से अधिक प्रतिभागियों के अपने डेटासेट का विश्लेषण किया। इसमें 1,520 लोगों के एक छोटे समूह की मस्तिष्क इमेजिंग की गई। तीन वर्षों से अधिक की अवधि में, 1,781 प्रतिभागियों (1.5 प्रतिशत) में ब्लड क्लॉटिंग की स्थिति विकसित पाई गई।
शोधकर्ताओं ने पाया कि एंग्जायटी और डिप्रेशन अथवा चिंता या अवसाद विकार होने पर डीप वेन थ्रोम्बोसिस विकसित होने की लगभग 50 प्रतिशत संभावना होती है, जबकि दोनों मानसिक बीमारियां होने पर ब्लड क्लॉटिंग की स्थिति विकसित होने की 70 प्रतिशत संभावना होती है। स्टडी में ब्रेन इमेजिंग से पता चला है कि मानसिक बीमारियों के कारण सूजन के साथ-साथ मस्तिष्क में तनाव संबंधी गतिविधि बढ़ने से डीप वेन थ्रोम्बोसिस का खतरा बढ़ रहा है, जिसमें नस में रक्त का थक्का बन जाता है।
लेखकों ने अमेरिकन जर्नल ऑफ हेमेटोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में लिखा है कि स्टडी के परिणाम यह बताते हैं कि चिंता और डिप्रेशन डीप वीन थ्रोम्बोसिस के प्रमुख जोखिम कारक हैं। स्टडी में शामिल प्रतिभागियों की उम्र आम तौर पर 58 वर्ष थी और 57 प्रतिशत महिलाएं थीं। पूरे समूह में से, 44 प्रतिशत लोगों को कैंसर का इतिहास था।
क्या होती है ब्लड क्लॉटिंग?
ब्रेन में रक्त का थक्का जमना, जिसे सेरेब्रल थ्रोम्बोसिस या सेरेब्रल एम्बोलिज्म के रूप में जाना जाता है, तब होता है जब रक्त का थक्का मस्तिष्क में रक्त वाहिका को अवरुद्ध कर देता है। इससे इस्केमिक स्ट्रोक हो सकता है, जहां मस्तिष्क के ऊतक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से वंचित हो जाते हैं, जिससे कोशिका क्षति या मृत्यु हो जाती है। लक्षणों में अचानक गंभीर सिरदर्द, भ्रम, शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्नता, बोलने में कठिनाई और समन्वय की हानि शामिल हैं। थक्के को ख़त्म करने और रक्त प्रवाह को बहाल करने, मस्तिष्क क्षति को कम करने के लिए शीघ्र चिकित्सा उपचार महत्वपूर्ण है।
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