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एक जिला-एक उत्पाद से बुरहानपुर के किसानों की बल्ले-बल्ले, केले के रेशे से बने उत्पाद की विदेश में भारी डिमांड

Burhanpur Banana Farming बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले को "एक जिला-एक उत्पाद" के तहत चयनित किया गया है। इस योजना से बुरहानपुर जिले के किसान न केवल इससे उत्पन्न होने वाले फल का बल्कि रेशे का भी भरपूर...
09:09 AM Dec 05, 2024 IST | MP First
Burhanpur Banana Farming बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले को "एक जिला-एक उत्पाद" के तहत चयनित किया गया है। इस योजना से बुरहानपुर जिले के किसान न केवल इससे उत्पन्न होने वाले फल का बल्कि रेशे का भी भरपूर...

Burhanpur Banana Farming बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले को "एक जिला-एक उत्पाद" के तहत चयनित किया गया है। इस योजना से बुरहानपुर जिले के किसान न केवल इससे उत्पन्न होने वाले फल का बल्कि रेशे का भी भरपूर उपयोग कर मालामाल हो रहे हैं। इन रेशों से कई तरह के रोजमर्रा के वस्तुओं का निर्माण किया है। यही वजह है कि केले का उपयोग बनाना चिप्स, बनाना पाउडर, स्वादिष्ट केक, केला की कलाकंद बनाए जाते हैं। (One District-One Product)

बुरहानपुर जिले में 24 हजार हेक्टेयर में केले की फसल

बुरहानपुर जिला प्रशासन ने एक आयोजन के जरिए केला फसल को इंटरनेशनल स्तर तक पहुंचाया है। बुरहानपुर जिले में 24 हजार हेक्टेयर में केला फसल लगाई गई है। यहां के किसानों के लिए अच्छी बात यह है कि बुरहानपुर में तैयार केला देश ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों में सप्लाई हो रहा है। केले की मिठास (Burhanpur Banana Farming) ने विदेशों तक जादू बिखेरा है। इतना ही नहीं अब केले के रेशों से बने उत्पादों की डिमांड भी विदेशों तक पहुंच गई हैं।

बुरहानपुर में केले के रेशे से बनी टोपी की लंदन में डिमांड

स्थानीय किसानों के अनुसार, बुरहानपुर की बनाई टोपी ने लंदन तक अपनी पहचान बनाई है। रेशे की टोपियां व्यक्ति को धूप से बचाने के अलावा उन्हें स्टाइलिश लुक भी देती है। इस टोपी को बनाने में 1100 से 1200 रुपए की लागत आती है, जबकि यह टोपी स्टाइलिश होने के कारण महंगे दामों में बिकती है।  इस टोपी को पूरा परिवार मिलकर बनाता है, महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए क्षेत्रीय विधायक अर्चना चिटनीस ने भी सहयोग दी है, रक्षाबंधन के लिए नगर निगम ने भी राखियां खरीदी थी, इन वस्तुओं को इको फ्रेंडली बनाया जाता हैं।

एक जिला-एक उत्पाद से आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं

बता दें कि, एक जिला-एक उत्पाद से क्षेत्र की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। शाहपुर क्षेत्र के एकझिरा गांव निवासी स्व सहायता समूह अनुसुइया चौहान के द्वारा बनाई गई टोपी को लंदन में काफी पसंद किया जा रहा है। इस काम से अनुसइया के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इस काम से मिलने वाली राशि से परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है।

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