Controversy Irrigation Project: आदिवासियों को सिंचाई परियोजना के नाम पर उजाड़ने की तैयारी, कांग्रेस ने लगाए कमीशनखोरी के आरोप

Controversy Irrigation Project: जबलपुर में बरगी के पूर्व विधायक संजय यादव ने मोहन सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया।
controversy irrigation project  आदिवासियों को सिंचाई परियोजना के नाम पर उजाड़ने की तैयारी  कांग्रेस ने लगाए कमीशनखोरी के आरोप

Controversy Irrigation Project: जबलपुर। कांग्रेस नेता और बरगी के पूर्व एमएलए संजय यादव ने मोहन सरकार पर आदिवासी विरोधी के आरोप लगाए। संजय ने कहा कि विकास के नाम पर जबलपुर-सिवनी सीमा के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बांध निर्माण के नाम पर उनके आशियाना और खेती किसानी को उजाड़ने की तैयारी की जा रही है।

इसके लिए सरकार ने आदिवासी की मंशा को जाने बगैर ही दर्जनों गांवों और बरगी चरगवां के घने जंगलों को उजाड़ने की तैयारी कर ली। राज्य सरकार पर कांग्रेस नेता और बरगी के पूर्व विधायक संजय यादव ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बांध बनाने के लिए सरकार जल्दबाजी एवं कमीशनखोरी के लिए टेंडर करने जा रही है। हैरानी इस बात की है कि बांध के नाम पर विस्थापितों के पुर्नवास की कोई योजना तैयार नहीं बनाई गई।

बड़ा देव संयुक्त माइक्रो सिंचाई परियोजना बांध का विरोध

जबलपुर-सिवनी सीमा पर प्रस्तावित बड़ा देव संयुक्त माइक्रो सिंचाई परियोजना बांध का विरोध तेज हो गया है। सिंचाई के लिए बांध बनाने के सरकार के फैसले से आदिवासी वर्ग न केवल चिंतित हैं बल्कि उसने इसकी खिलाफत भी शुरू कर दी। आदिवासियों ने ऐलान किया है कि सीएम यदि प्रस्तावित बांध को कांग्रेस शासन कमलनाथ के दौरान तैयार की गई योजना के तहत मंजूर नहीं करती है तो वह नई प्रस्तावित बांध के प्रोजेक्ट को लेकर विरोध करने के लिए मजबूर होंगे।

Controversy Irrigation Project

पूर्व विधायक ने लगाया प्रोजेक्ट में कमीशनखोरी का आरोप

पूर्व विधायक संजय यादव का कहना है कि कमलनाथ सरकार में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने लगभग 28,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने के लिए लिफ्ट इरिगेशन की योजना बनाकर डीपीआर तैयार कर ली थी। कांग्रेस की सरकार के जाते ही आदिवासियों के कल्याण का यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया और अब उसी प्रोजेक्ट को जल संसाधन विभाग दोगुनी राशि 890 करोड़ रुपए की लागत के साथ टेंडर प्रक्रिया कर रहा है।

कांग्रेस नेता संजय यादव का कहना है कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण विभाग जो खुद मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के पास है। उससे इस प्रोजेक्ट को छीनकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी कहे जाने वाले मंत्री तुलसी सिलावट के जल संसाधन विभाग से केवल मोटा कमीशन हासिल करने के लिए तैयार किया गया है। संजय यादव ने सीधा सवाल उठाया है कि आखिर सरकार लगभग 300 करोड़ रुपए अतिरिक्त क्यों खर्च कर रही है?

Controversy Irrigation Project

बांध से उजड़ जाएंगे दर्जनों गांव

जबलपुर में बड़ी संख्या में आदिवासियों जनप्रतिनिधियों एवं डूब प्रभावित ग्रामीणों के साथ मीडिया के सामने संयज ने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि इस 31,500 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई का सपना आदिवासी किसानों को सरकार दिखा तो रही है लेकिन बांध बनने से करीब 17 गांव और सैकड़ों हैक्टेयर कृषि एवं वन भूमि डूब क्षेत्र में आएगी। इससे सैकड़ों आदिवासियों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ेगा।

जिन आदिवासियों के खेती की सिंचाई के नाम पर योजना बनाई गई है, उससे तमाम आदिवासियों की कृषि भूमि ही डूब क्षेत्र में चली जाएगी तो फिर सिंचाई का औचित्य ही क्या है? इतना ही नहीं सरकार ने इस परियोजना के लिए पंचायतों से बिना कोई प्रस्ताव लिए ही निविदाएं जारी कर दी हैं।

बरगी बांध के बाद नई परेशानी

बरगी विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बांध की नई परियोजना का विरोध कई माह से कर रहे हैं। कुछ दिनों पूर्व नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी इन गांवों में पहुंचकर आदिवासियों की समस्या को जाना और भरोसा दिलाया कि विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उठाएंगे। वहीं, जिला पंचायत की सदस्य मुन्नी बाई ने तो गांव में बांध बनाने वालों को गांव में घुसने नहीं देने का ऐलान कर दिया।

Controversy Irrigation Project

मुन्नी बाई ने कहा कि जो अफसर नेता गांव में घुसेंगे, उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटेंगे। दशकों पहले बरगी बांध ने उनकों गांवों को निगल लिया। उस विस्थापन का दंश वह अब तक भूले नहीं और एक बार फिर भाजपा की सरकार बांध निर्माण के नाम पर उनके आशियानों को उजाड़कर विस्थापन का दंश भोगने के लिए मजबूर कर रही है।

ये भी पढ़ें: MP By Election: विजयपुर से कांग्रेस और BJP उम्मीदवारों को पुलिस ने किया नजरबंद, जानिए क्या है पूरा मामला?

ये भी पढ़ें: Road Accident Bhopal: भोपाल में सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों का होगा फ्री इलाज, लागू हुई नई सरकारी योजना

Tags :

.