Debt on MP government: मोहन सरकार के गले की फांस बनीं 'लाड़ली बहना योजना', सरकार फिर लेगी 5,000 करोड़ का कर्जा

Debt on MP government: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार (Mohan Yadav Government) लगातार कर्ज के बोझ तले दबी जा रही है। अब सरकार फिर से 5,000 करोड रुपए का कर्ज लेने वाली है। यह कर्ज 2,500-2,500 करोड़ की दो...
debt on mp government  मोहन सरकार के गले की फांस बनीं  लाड़ली बहना योजना   सरकार फिर लेगी 5 000 करोड़ का कर्जा

Debt on MP government: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार (Mohan Yadav Government) लगातार कर्ज के बोझ तले दबी जा रही है। अब सरकार फिर से 5,000 करोड रुपए का कर्ज लेने वाली है। यह कर्ज 2,500-2,500 करोड़ की दो किस्तों में लिया जाएगा। एक कर्ज को 14 साल और दूसरे को 21 साल में चुकाना होगा। कुछ दिन पहले ही सरकार ने 5,000 करोड़ का कर्ज लिया था। मार्च 2024 तक प्रदेश सरकार पर 3.75 करोड़ का कर्ज था। आइए इस खबर के बारे में और अधिक जानते हैं।

कर्ज के जाल में फंसी मोहन सरकार 

लाड़ली बहना योजना की किस्त, कर्मचारियों के एरियर्स के अलावा अन्य योजनाओं का भुगतान किया गया। अब नए 5,000 करोड रुपए के कर्ज से विकास योजनाएं और बड़े प्रोजेक्ट से जुड़ी आर्थिक जिम्मेदारियां का भुगतान होगा। मध्य प्रदेश में पिछले साल अलग-अलग स्त्रोतों से 42,500 करोड रुपए का कर्ज लिया था। 13 लाख करोड़ की राज्य सकल घरेलू उत्पाद के हिसाब से सरकार की कर्ज लेने की लिमिट 58 हजार करोड़ है। इस बीच सरकार ने केंद्र से एक प्रतिशत अतिरिक्त लोन लेने की अनुमति मांगी है। हालांकिं, अभी तक केंद्र से अनुमति नहीं मिली है।

पांच सालों में 1 लाख करोड़ रुपए ब्याज के रूप में चुकाए

पिछले 5 साल में ही राज्य ने कर्जों के ब्याज के रूप में ही 1 लाख करोड़ रुपए चुकाए हैं। मार्च, 2024 में सबसे अधिक 2.34 लाख करोड रुपए बाजार से लोन के तौर पर लिए, केंद्र सहायता के रूप में 62,000 करोड रुपए मिले, बॉन्ड से 5,886 करोड़, वित्तीय संस्थानों से 15,248 करोड़, अन्य स्रोतों से 19,195 करोड़ की देनदारी है। राष्ट्रीय बचत योजना से 38,421 करोड रुपए लिए जा चुके हैं।

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने क्या कहा?

राज्य की बीजेपी सरकार भले ही मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के चक्कर में कर्ज पर कर्ज लेती चली जा रही हो, लेकिन वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के तर्क बिल्कुल इससे अलग हैं। जगदीश देवड़ा का कहना है कि हमारी जो जीएसडीपी है उसी लिमिट के आधार पर 3% तक का कर्ज ले सकते हैं। पेंशन संबंधी लायबिलिटी, एनपीएस का अंशदान देने के बाद और ऊर्जा क्षेत्र में रिफॉर्म करने वाले राज्य अतिरिक्त कर्ज भी ले सकते हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था का रेवेन्यू भी हमारा बहुत अच्छा है। जीएसडीपी का लगभग 4.5 कर्ज राज्य सरकार ले सकती है, 2021-22 से रेवेन्यू टारगेट से ज्यादा बढ़ा है।

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