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Gwalior News: मौसम बदलते ही सात समुंदर पार से तिघरा जलाशय में पक्षियों ने डाला डेरा, पक्षियों की चहचहाहट से गूंज उठा शहर

Gwalior News: ग्वालियर। मौसम के करवट बदलते ही पशु-पक्षी अपने अस्तित्तव को कायम रखने के लिए अपने अनुकूल किसी सुरक्षित स्थान की ओर प्रवास पर जाते हैं।
05:44 PM Jan 09, 2025 IST | Suyash Sharma
Gwalior News: ग्वालियर। मौसम के करवट बदलते ही पशु-पक्षी अपने अस्तित्तव को कायम रखने के लिए अपने अनुकूल किसी सुरक्षित स्थान की ओर प्रवास पर जाते हैं।

Gwalior News: ग्वालियर। मौसम के करवट बदलते ही पशु-पक्षी अपने अस्तित्तव को कायम रखने के लिए अपने अनुकूल किसी सुरक्षित स्थान की ओर प्रवास पर जाते हैं। जहां अनुकूलित वातावरण में रहकर वे न सिर्फ अच्छा भोजन ग्रहण करते है बल्कि अपनी आने वाली नई पीढी की तैयारी भी करते हैं। ऐसे ही कुछ देशों के पक्षियों को ग्वालियर की आबोहवा पसंद है।

हर साल काफी दूर दूर से आने वाले यह पक्षी ग्वालियर में सर्दियो के मौसम में अपना डेरा जमाते हैं। इन रंग-बिरंगे सुन्दर पक्षियों के कलरव से ग्वालियर का वातावरण मधुर और रमणीय बन गया। इन विदेशी मेहमानों के लिए वन विभाग नें इनकी सुरक्षा के उपयुक्त इंतजामात किए। साथ ही ग्वालियर में आने वाले पर्यटक यह नजारा देखकर काफी खुश हैं।

पक्षियों की चहचहाहट से मन को शांति

ग्वालियर में सर्दी के मौसम में हजारों मील का सफर तय करके आने वाले प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट से इन दिनों ग्वालियर का वातावरण मधुर और रमणीय हो गया है। साईबेरिया, चीन, मंगोलिया, रुस, जार्जिया आदि दूर देश से आने वाले इन प्रवासी पक्षियों के लिए ग्वालियर का मौसम अनूकुल होता है जबकि इनके देश में इन महिनों में तापमान शून्य के नीचे चला जाता है। वर्तमान में ग्वालियर के तिघरा, मोतीझील, रमौआ, सिरसा, टेकनपुर जैसे स्टाँप डेम के आसपास इन पक्षियो के जमघट को देखा जा सकता है। हजारो किलोमीटर दूर से सफर करके आए इन मेहमानों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने भी पर्याप्त इंतजाम किए।

यह पक्षी रहते हैं आकर्षण का केंद्र

यूरोपीय रोलर देखने में छोटा और खूबसूरत पक्षी है, जो यूरोप से आता है। यह नीलकंठ है और देखने में काफी आकर्षक लगता है। यह भी इन दिनों ग्वालियर में देखा जा सकता है। इसके बाद ब्लैक फ्रैंकोलिन यानी काला तीतर भी इसे कहते हैं। यह दुर्लभ प्रजाति का पक्षी है, जो बहुत ही कम देखने को मिलता है। लेकिन, इसे आजकल ग्वालियर में देखा जा रहा है। इसका अभी हाल ही में 2 साल के अंदर ही ग्वालियर के अंदर देखा जाना शुरू हुआ है।

बार हेडेड गूज और रेड नेक्ड फेल्कन

बार हेडेड दुनिया के सबसे ऊंचे उड़ने वाले पक्षियों में शुमार है। यह हिमालय पार कर सर्दियों के मौसम में ग्वालियर में आते हैं। इसे पानी में तैरते देखा जा सकता है। वहीं, रेड नेक्ड फेल्कन एक शिकारी पक्षी कहलाता है, जो इस समय सर्दियों के मौसम में अक्सर देखा जाता है। इसी तरह मोंटेग्यूज हैरियर भी शिकारी पक्षी है, जिसे लोग ग्वालियर में दूर-दूर से देखने आते हैं। इसका शिकार करने का तरीका भी बहुत अलग होता है।

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