जबलपुर पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार, सास ने दामाद पर लगाए बेटी एवं नातिनों को बेचने के आरोप
Jabalpur High Court News जबलपुर: मध्य प्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट ने एक याचिकाकर्ता की सुनवाई के दौरान जबलपुर पुलिस को फटकार लगाई है। सास ने दामाद पर बेटी एवं नातिनों को बेचने के आरोप लगाए हैं। इस मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस (Jabalpur Police) को कार्रवाई के संबंध में फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। क्या है पूरा मामला आइए विस्तार से जानते हैं।
दामाद पर बेटी और नातिनों को बेचने के आरोप
जबलपुर हाईकोर्ट में एक सास और अन्य परिजनों ने अपने ही दामाद पर गंभीर आरोप लगाते हुए याचिका दायरकी। सास का आरोप है, "दामाद ने अपनी मौसी के साथ मिलकर मेरी बेटी और नातिनों को बेच दिया है। काफी तलाश के बावजूद अब तक बेटी और नातिनों का पता नहीं चल पाया है।" अब इस मामले में जबलपुर पुलिस के ढीले ढाले रवैये पर हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है। इसके साथ ही अदालत ने पुलिस को कार्रवाई के संबंध में फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
पूरा मामला जबलपुर जिले के शहपुरा थाना क्षेत्र के रायताखेड़ा गांव की रहने वाली सिम्मी बाई के द्वारा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका से जुड़ा है। याचिका में महिला ने कहा है कि उसकी बेटी शीला को उसके ही पति दिलीप चौधरी ने कहीं बेच दिया है। बेटी शीला और उसकी 2 नाबालिग बेटियां (याचिकाकर्ता की बेटी और नातिन) अप्रैल 2023 से लापता हैं।
शाहपुरा थाने में शिकायत दर्ज
याचिकाकर्ता सिम्मी बाई ने कहा कि काफी ढूंढने के बाद जब बेटी और नातिनों का पता नहीं चला तो शाहपुरा थाने में शिकायत दर्ज करवाई। महिला ने अपने दामाद दिलीप चौधरी और उसकी मौसी कविता चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है दामाद ने अपनी मौसी के साथ मिलकर उसकी बेटी और दोनों नाबालिग नातिनों का कहीं बेच दिया है। इसके साथ ही पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस भी गंभीरता से जांच नहीं कर रही। महिला का कहना है कि सवा साल गुजरने के बावजूद पुलिस अभी तक तीनों के संबंध में कोई सुराग नहीं लगा पाई है।
हाईकोर्ट की डबल बेंच में मामले की सुनवाई
हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा एवं जस्टिस विनय सराफ की डबल बेंच में सुनवाई की गई। जहां याचिकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट के समक्ष तर्क रखा कि पुलिस बुजुर्ग पीड़िता को लाचार मानकर उसकी फरियाद को गंभीरता से नहीं सुन रही है और न ही गुमशुदा उसकी बेटी और नातिनों को तलाशने में गंभीर है। सुनवाई के दौरान पुलिस अधिकारी ने अदालत में बताा कि गायब महिला और उसकी दोनों बेटियों के संबंध में कोई सुराग नहीं मिल सका है, उनकी तलाश जारी है।
पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार
वहीं, हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा एवं जस्टिस विनय सराफ की डबल बेंच ने सुनवाई के दौरान पुलिस के जवाब पर नाराजगी जताते हुआ कहा कि एक साल से अधिक वक्त से घर से मां और उसकी 2 नाबालिग बेटियां गायब हैं। पति पर महिला के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बावजूद भी पुलिस अभी तक लापता मां-बेटियों की तलाश नहीं कर पाई है। इस मामले में इतनी लापरवाही बर्दाश्त के योग्य नहीं है। वहीं, अदालत ने इस मामले में कार्रवाई के संबंध में फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
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