जबलपुर में नाबालिग ने बच्ची को दिया जन्म, पति, सास-ससुर और माता-पिता के खिलाफ पॉक्सो एक्ट का केस दर्ज
Jabalpur Minor Gave Birth जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक माह में दूसरी बार नाबालिग पत्नी की डिलीवरी का गंभीर मामला मामला सामने आया है। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने डॉक्टरों की रिपोर्ट पर पति, सास-ससुर और पत्नी के माता-पिता के खिलाफ बाल विवाह के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
नाबालिग पत्नी ने बच्ची को दिया जन्म
जबलपुर के मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक प्रसूता को प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती कराया गया। अस्पताल में काफी मुश्किलों के बाद डॉक्टर ने उसका सुरक्षित प्रसव कराया। बच्ची की किलकारी गूंजते ही, खुशी के बदले डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी। दरअसल प्रसूता नाबालिग ((Jabalpur Minor Gave Birth)) है। अस्पताल के डॉक्टर और नर्स ने युवती की उम्र जानने और प्रसव संबंधित रिकॉर्ड तैयार करने के लिए जब युवती का आधार कार्ड जमा कराया तो उसके नाबालिग होने की पुष्टि हुई।
15 में शादी, साढ़े 16 की उम्र में बनी मां
मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नर्स और डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची को जन्म देने वाली नाबालिग महज 16 साल 9 माह की है। विवाह के वक्त वह 15 साल की थी, जबकि युवक 21 साल का था। हालांकि जच्चा और बच्चा अभी दोनों सुरक्षित हैं, लेकिन मझौली अस्पताल के बीएमओ ने इसकी रिपोर्ट मझौली थाने में दर्ज करा दी है। वहीं, परिजनों ने पुलिस पूछताछ में बाल विवाह की बात स्वीकार की है।
पति, सास-ससुर और माता-पिता पर केस दर्ज
वहीं, 15 साल की उम्र में नाबालिग का विवाह कराने और साढ़े 16 साल की उम्र में बच्चे को जन्म देने के मामले में मझौली थाना पुलिस ने पति, सास-ससुर और माता-पिता के खिलाफ बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम एवं पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है। मझौली थाना प्रभारी जेपी द्विवेदी मामले की पुष्टि करते हुए कहा, "पुलिस ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम एवं पॉक्सो एक्ट के तहत FIR दर्ज कर ली है। पुलिस ने नाबालिग पत्नी के पति, सास-ससुर और माता-पिता के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।"
जबलपुर में एक माह में दूसरा मामला आया सामने
जबलपुर के मझौली में एक माह पहले ऐसा ही एक और मामला दर्ज हो चुका है। 25 जुलाई को भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक नाबालिग किशोरी को डिलीवरी के लिए लाया गया था। नाबालिग की हालात गंभीर होने पर उसे मेडिकल हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था, जहां डॉक्टरों ने काफी मुश्किल से नाबालिग की डिलीवरी कराई थी।
14 साल की उम्र में बाल विवाह
डॉक्टर मुश्किल से जच्चा और बच्चा की जान बचा पाए थे। उस समय नाबालिग प्रसूता की उम्र महज 15 साल 9 माह थी। परिजनों ने करीब 14 साल की उम्र में बाल विवाह (Child marriage in Jabalpur) कर दिया था। मझौली पुलिस ने इस मामले में भी पति, सास-ससुर और माता-पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
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