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Jabalpur Private School Fees: मनमानी फीस वसूलने वाले 3 स्कूलों को लौटानी होगी 33.78 करोड़ फीस, कलेक्टर ने ठोका 2-2 लाख का जुर्माना

Jabalpur Private School Fees जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में शिक्षा माफियाओं के खिलाफ जिला प्रशासन पूरी तरह से एक्शन मोड में है। जबलपुर जिला प्रशासन ने शिक्षा माफिया बन मनमानी फीस बढ़ोतरी एवं वसूली करने वाले 3 स्कूलों...
09:23 AM Jan 03, 2025 IST | Dr. Surendra Kumar Kushwaha
Jabalpur Private School Fees जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में शिक्षा माफियाओं के खिलाफ जिला प्रशासन पूरी तरह से एक्शन मोड में है। जबलपुर जिला प्रशासन ने शिक्षा माफिया बन मनमानी फीस बढ़ोतरी एवं वसूली करने वाले 3 स्कूलों...

Jabalpur Private School Fees जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में शिक्षा माफियाओं के खिलाफ जिला प्रशासन पूरी तरह से एक्शन मोड में है। जबलपुर जिला प्रशासन ने शिक्षा माफिया बन मनमानी फीस बढ़ोतरी एवं वसूली करने वाले 3 स्कूलों को 33.78 करोड़ रुपए लौटाने का आदेश दिया है। साल 2017 से 2024 के बीच बिना अनुमति इन स्कूलों ने फीस में जबरदस्त इजाफा किया और अभिभावकों से करीब 34 करोड़ रूपए अतिरिक्त फीस की वसूली कर ली। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इन तीनों स्कूलों को 30 दिनों के भीतर अभिभावकों को बढ़ी फीस की रकम वापसी के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही प्रत्येक स्कूल पर 2-2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

इन स्कूलों पर हुई कार्रवाई

नचिकेता सीनियर सेकेंडरी स्कूल, विजय नगर को 10,865 स्टूडेंट से 5.85 करोड़ रुपए ली गई फीस (Jabalpur Private School Fees ) लौटानी होगी। स्मॉल वंडर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बलदेव बाग को 18,541 स्टूडेंट से 12.02 करोड़ रुपए वसूली गई फीस लौटानी होगी। इसके अलावा सेंट जोसेफ कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल (St. Joseph Convent Senior Secondary School), रांझी को 18,498 स्टूडेंट से 15.91 करोड़ रुपए वसूली गई फीस लौटाने के आदेश दिए गए हैं।

ऑनलाइन फीस पोर्टल पर ऑडिट रिपोर्ट अनिवार्य

कलेक्टर दीपक सक्सेना के अनुसार, मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस (Jabalpur Private School Fees) और संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम 2017 के तहत गठित जिला समिति ने भी इन तीनों स्कूलों में अनियमितता पाई गई है। अधिनियम लागू होने के 90 दिन के भीतर फीस का वार्षिक लेखा-जोखा इन स्कूलों द्वारा संबंधित पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया। जांच के दौरान पाया गया कि दिसंबर 2020 में जब नियम लागू हुआ, तो ऑनलाइन पोर्टल पर हर साल की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी थी। जिला कार्यालय में भी जमा किया जाना थी। तीनों स्कूल प्रबंधन ने यह काम नहीं किया।

48 हजार स्टूडेंट से 33.78 करोड़ अवैध फीस वसूली

बता दें कि शैक्षणिक वर्ष 2017-18 से लेकर 2020-21 को फीस में की गई बढ़ोतरी (Private School Fee Increase Case) की जानकारी भी नहीं दी गई। इसके अलावा 10 फीसदी तक फीस वृद्धि की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई। जिला शिक्षा समिति की जॉच रिपोर्ट के अनुसार इन स्कूलों ने कुल 48,000 से अधिक छात्रों से फीस के नाम पर 33.78 करोड़ अतिरिक्त राशि बतौर फीस के नाम पर वसूली है।

शिक्षा माफियाओं के खिलाफ कलेक्टर दीपक सक्सेना सख्त

वहीं, जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना (Jabalpur Collector Deepak Saxena) ने कहा है, "प्रशासन ने अब तक 28 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई कर 219 करोड़ रुपए लौटाने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा, प्रत्येक स्कूल पर 2 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। एक दर्जन स्कूल प्रबंधन से जुड़े 84 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम के तहत की गई है। प्रशासन द्वारा अन्य स्कूलों की भी जांच जारी है, जिससे जल्द ही और दोषी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद है।"

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