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Janmashtami Special: गोपाल मंदिर में राधा-कृष्ण धारण करते हैं 100 करोड़ के आभूषण, साल में एक बार होता है श्रृंगार

Janmashtami Special: ग्वालियर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर को भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है। सिंधिया रिसायत कालीन 101 साल पुराने गोपाल मंदिर में राधा-कृष्ण की अद्भुत प्रतिमाएं हैं। जन्माष्टमी के मौके पर तो गोपाल मंदिर में...
04:13 PM Aug 25, 2024 IST | Suyash Sharma

Janmashtami Special: ग्वालियर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर को भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है। सिंधिया रिसायत कालीन 101 साल पुराने गोपाल मंदिर में राधा-कृष्ण की अद्भुत प्रतिमाएं हैं। जन्माष्टमी के मौके पर तो गोपाल मंदिर में 24 घंटे का उत्सव मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन राधा-कृष्ण को 100 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के गहनों से सजाया जाता है। ये रियासत कालीन जेवरात हैं जो हीरे और रत्न जड़ित हैं।

100 साल से भी अधिक पुराना है मंदिर

गोपाल मंदिर की स्थापना 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने करवाई थी। सिंधिया राजाओं ने राधा-कृष्ण की पूजा के लिए विशेष चांदी के बर्तन बनवाए थे। राजपरिवार ने साथ ही भगवान के श्रृंगार के लिए रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे। इनमें राधा-कृष्ण के लिए 55 पन्नों और सात लड़ी का हार, सोने की बांसुरी, सोने की नथ, जंजीर और चांदी के पूजा के बर्तन हैं।

ये जेवरात पहनते हैं राधाकृष्ण

ग्वालियर राजघराने के मन में भगवान को लेकर विशेष आस्था थी। इसलिए वह भगवान के वैभव में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रखना चाहते थे। राधा-कृष्ण के गहनों की बात करें तो इनमें हीरे-जवाहरात से जड़ा स्वर्ण मुकुट, पन्ना और सोने का सात लड़ी का हार, 249 शुद्ध मोती की माला, हीरे जड़ित कंगन, हीरे व सोने की बांसुरी, प्रतिमा का विशालकाय चांदी का छत्र, 50 किलो चांदी के बर्तन, भगवान श्रीकृष्ण और राधा के कान झुमके, सोने की नथ, कंठी, चूडियां इत्यादि शामिल हैं।

50 साल लॉकर में रहे जेवरात

रियासत कालीन दौर में भगवान राधा-कृष्ण हमेशा ही इन गहनों से सजे रहते थे। आजादी के बाद 1956 में जब मध्य प्रदेश राज्य बना तब भगवान के एंटीक गहनों को बैंक के लॉकर में रख दिया गया। पचास साल तक लॉकर में गहने सुरक्षित रहे। इसके बाद साल 2007 में तत्कालीन महापौर ने सरकार से बात कर साल में एक दिन जन्माष्टमी पर इन गहनों से भगवान का श्रृंगार करने की मांग की। सरकार की रजामंदी के बाद हर साल जन्माष्टमी के दिन इन गहनों को सुरक्षा व्यवस्था के बीच बैंक से निकाला जाता है। गहनों को पहनकर भगवान राधा-कृष्ण 24 घंटे सजीले स्वरूप में दर्शन देते हैं। श्रद्धालु कहते हैं जन्माष्टमी के दिन गोपाल मंदिर में मथुरा जैसा अहसास होता है।

24 घंटे कड़े पहरे में राधा-कृष्ण

जन्माष्टमी पर गोपाल मंदिर में राधा-कृष्ण की मूर्ति करोड़ों रुपये के गहने से सजायी जाती है। इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए मंदिर पर कड़ा पहरा बैठाया जाता है। करीब डेढ़ सौ से ज्यादा सुरक्षाकर्मी मंदिर के गहनों और भक्तों की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं। साथ ही सीसीटीवी कैमरों की मदद से मंदिर और आसपास के परिसर में पुलिस की निगरानी रहती है। इस तामझाम के बीच लोग आस्था के साथ राधा-कृष्ण के सजीले रूप के दर्शन कर मन्नत मांगने आते हैं।

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