Kans Dashmi 2024: शाजापुर में हुआ घमंड और अत्याचार के प्रतीक मामा कंस का वध, 271 सालों से मनाई जा रही अनूठी परंपरा

Kans Dashmi 2024: शाजापुर में 271 सालों से चली आ रही कंस दशमी की अनोखी परंपरा का आयोजन हुआ हनुमान मंदिर से देव-दानवों का चल समारोह निकाला गया।
kans dashmi 2024  शाजापुर में हुआ घमंड और अत्याचार के प्रतीक मामा कंस का वध  271 सालों से मनाई जा रही अनूठी परंपरा

Kans Dashmi 2024: शाजापुर। शहर के सोमवारिया बाजार में कंस दशमी पर कंस वध कार्यक्रम का आयोजन हुआ। शहर में 271 वर्षों से यह अनूठी परंपरा चली आ रही है। रात करीब 9 बजे बालवीर हनुमान मंदिर से देव और दानवों का रूप धरे कलाकारों का चल समारोह निकाला गया। बालवीर मंदिर से शुरू हुआ चल समारोह सोमवारिया बाजार, मगरिया, बस स्टैंड, नई सडक़, आजाद चौक होते हुए कंस चौराहा पर पहुंचा।

कंस वध का हुआ आयोजन

पूरे रास्ते राक्षस बने कलाकार अट्टाहास करते हुए अपने-अपने रथ पर सवार थे। वहीं, भगवान श्रीकृष्ण, बलराम, धनसुख, मनसुखा बने कलाकार अपनी मुस्कुराहट से लोगों का मन मोह रहे थे। इस बार कंस वधोत्सव पर नगर में दो स्थानों पर देव-दानवों के बीच वाक युद्ध हुआ। कंस वधोत्सव समिति संयोजक तुलसीराम भावसार, समिति के पदाधिकारी अजय उदासी और संजय शर्मा आदि ने कार्यक्रम में अतिथियों और गवली समाज के वरिष्ठजनों का स्वागत-सम्मान भी किया।

जमकर हुआ वाक युध्द

कंस वध के पहले श्री कृष्ण और कंस की सेना के बीच जमकर वाक युद्ध हुआ। श्रीकृष्ण और कंस के सैनिक के रुप में सजे-धजे कालाकारों ने एक-दूसरे पर तीखे व्यंग बाण चलाए। शहर के कंस चौराहे पर रात ठीक 12 बजते ही श्रीकृष्ण बने कलाकार ने कंस के पुतले का पूजन कर उसे मंच से नीचे गिरा दिया। जिसे गवली समाज के लोग लाठी-डंडों से पीटते हुए घसीटकर नई सड़क की ओर ले गए।

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