MLA Demanded Increase Pension: पूर्व विधायक ने सीएम को लिखा पेंशन बढ़ाने के लिए पत्र, महंगाई तोड़ रही कमर

MLA Demanded Increase Pension: विधायक बनने के बाद लोगों की जिंदगी बदल जाती है। लेकिन पूर्व विधायकों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है।
mla demanded increase pension  पूर्व विधायक ने सीएम को लिखा पेंशन बढ़ाने के लिए पत्र  महंगाई तोड़ रही कमर

MLA Demanded Increase Pension: ग्वालियर। आज के जमाने में विधायक बनने के बाद लोगों की जिंदगी बदल जाती है लेकिन एक जमाने के कुछ पूर्व विधायक ऐसे भी हैं जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। जनता से लगाव और जन सेवा के प्रति समर्पित इन पूर्व माननीय विधायकों की महंगाई ने कमर तोड़ दी है। मध्य प्रदेश के इन विधायकों ने सरकार से अपनी पेंशन बढ़ाने की मांग की। इनका कहना है कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में तीन गुना ज्यादा पेंशन मिल रही है।

मंहगाई ने तोड़ी पूर्व एमएलए की कमर

अक्सर आपने लोगों से यह कहते हुए सुना होगा की एक बार विधायक बनने के बाद जिंदगी बड़े आराम से गुजरती है। हालांकि, यह बात सारे विधायकों पर लागू नहीं होती। भले ही कुछ चुने हुए जनप्रतिनिधि अपने व्यवसाय स्थापित करके व्यापार में उतर जाते हैं लेकिन कुछ जनसेवक ऐसे भी हैं, जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इन पूर्व माननीय विधायकों के लिए सिर्फ पेट भरना और गुजर बसर करना ही जिंदगी नहीं है। अपने परिवार और बच्चों को पालना ही जिंदगी का मकसद नहीं बल्कि आज के जमाने में जनता से निरंतर संपर्क बनाए रखना, उनके बीच में रहना और उनकी समस्याओं के प्रति प्रशासन और सरकार से संवाद करने में भी खर्चा होता है। इसकी पूर्ति होना अब मुश्किल हो रही है।

पेंशन बढ़ाने की मांग

सन 1993 में ग्वालियर की लश्कर पश्चिम सीट से कांग्रेस के विधायक रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री भगवान सिंह यादव अब पूर्व विधायक मंडल मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष हैं। ऐसे में वे पूर्व विधायकों की चिंता को लेकर वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री को कई बार इस आर्थिक तंगी की समस्या से अवगत करा चुके हैं। भगवान सिंह यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लिखा है कि वर्तमान में गैस, पेट्रोल, डीजल, सब्जी, दाल, चावल, आटा, चाय की पत्ती, शक्कर, गुड़, मैदा, बिजली का बिल, दूध, ब्रेड, बिस्कुट, नमकीन , कपड़ा आदि की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है।

ना तो परिवार का ठीक से भरण पोषण कर पा रहे और ना ही जनता की मदद हो पा रही है। लोगों के बीच में रहना ही पड़ता है। समय-समय पर क्षेत्र के दौर भी करने होते हैं। शादी में गरीबों को सहारा भी देना होता है। कोई मदद के लिए आता है तो उसे व्यक्तिगत सहायता भी देनी पड़ती है। जनता के लिए हमेशा दिल बड़ा करके रखना पड़ता है लेकिन सरकार से जो पेंशन मिलती है, अब उसमें गुजारा नहीं होता।

छत्तीसगढ़ में तीन गुना पेंशन

भगवान सिंह यादव ने मुख्यमंत्री को लिखा है की छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधायकों को मिलने वाली पेंशन और भत्तों में बड़ा अंतर है। मध्य प्रदेश में पिछले आठ सालों से पूर्व विधायकों की पेंशन नहीं बढ़ाई गई। जबकि, महंगाई को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य ने अपने पूर्व विधायकों का पूरा ध्यान रखा है। वर्तमान में मध्य प्रदेश के पूर्व विधायकों को सब मिलाकर लगभग 35000 रुपए पेंशन मिलती है। जबकि, छत्तीसगढ़ सरकार 58,300 रुपये पेंशन, 15,000 चिकित्सा भत्ता, 10, 000 टेलीफोन भत्ता और 15,000 रुपए अर्दली भत्ता मिलाकर 98,300 रूपए प्रति माह देती है।

इसके अलावा 25,000 रुपए हर महीने कुटुंब पेंशन भी मिलती है। यानी छत्तीसगढ़ में हर महीने पूर्व विधायक को एक लाख 23 हजार 300 रूपए पेंशन सरकार देती है। साल का एक हजार रूपये अतिरिक्त वर्ष का भत्ता भी मिलता है। वर्तमान में मध्य प्रदेश में 662 पूर्व विधायक हैं। इनमें में बड़ी संख्या ऐसे पूर्व विधायकों की भी हैं, जो संपन्न है लेकिन कुछ पूर्व विधायक ऐसे भी हैं जो बढ़ती महंगाई से संघर्ष नहीं कर पा रहें।

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