MP-महाराष्ट्र की मुख्य सचिव के बीच जल बंटवारे को लेकर बड़ी बैठक, क्या सुलझेंगे विवादास्पद मुद्दे?
MP-Maharashtra Water Sharing भोपाल: मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में पानी के बंटवारे के विवादास्पद मुद्दे (Water Sharing Dispute in MP-Maharashtra) को लेकर आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम दोनों राज्यों की मुख्य सचिव के बीच अहम बातचीत होनेवाली है। लंबे समय से चल रहे इस विवादास्पद मुद्दे को सुलझाने के लिए मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा और महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सैनिक एक साथ जुड़ने वाली हैं।
मुख्य सचिव राणा ने संबंधित अधिकारियों से मांगी है फाइल
दरअसल, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच पानी को लेकर विवाद (MP-Maharashtra Water Sharing) बड़ा पुराना है। दोनों राज्यों के बीच कई प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं भी चल रही हैं, क्योंकि सीमाओं से लगता हुआ इलाका कई जगह पानी के लिए तरस रहा है। अब बैठक से पहले मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा ने जल संसाधन समेत अन्य विभागों से परियोजनाओं की जानकारी के लिए फाइल भी मांगी है। अब देखना होगा कि दोनों मुख्य सचिव राज्य में पेयजल और सिंचाई जल की बेहतरी के लिए क्या फैसला ले रही हैं।
इस मुद्दे पर दोनों राज्यों के राज्यपाल कर चुके हैं बातचीत
वैसे तो यह बैठक दोनों राज्यों की मुख्य सचिवों के बीच है, लेकिन पहले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के राज्यपाल बैठक कर चुके हैं। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने इससे पहले दोनों राज्यों की लगती हुई सड़क सिंचाई परियोजना, कानून व्यवस्था के अलावा अन्य चीजों को लेकर समन्वय बैठक की। वहीं, 2 और 3 अगस्त को दिल्ली में भी गवर्नर कॉन्फ्रेंस में दोनों राज्यों के राज्यपालों की मुलाकात हुई है। जानकारी के अनुसार इस कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री ने राज्यपालों को सेतु की भूमिका में रहने के लिए कहा था।
मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र के बीच प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं
बता दें कि, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच सिंचाई परियोजनाएं बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें दोनों राज्यों के सीमावर्ती इलाके के लोग कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। वहां के लोगों को इन परियोजनाओं से बड़ी उम्मीद है। सबसे पहले पेंच सिंचाई परियोजना है जो छिंदवाड़ा जिले में 63,000 हेक्टेयर भूमि और बालाघाट के 158 गांव की सिंचाई के लिए बनाई गई है। उसके बाद बावन थड़ी परियोजना भी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की संयुक्त है। इसके तहत बालाघाट के कटंगी में बांध का निर्माण किया गया है और इसकी सिंचाई क्षमता 30,929 हेक्टेयर भूमि है। इसका लाभ बालाघाट और सिवनी को मिलता है।
दोनों राज्यों के बीच चल रही ये परियोजनाएं
इतना ही नहीं, दोनों राज्यों (मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र) के बीच वैनगंगा नदी पर संजय सरोवर परियोजना (Water project in Maharashtra) भी है जो मध्य प्रदेश के सिवनी में है। इसमें कुल सिंचित क्षेत्र 13,722 है, जिसका लाभ महाराष्ट्र के भंडारा को भी मिलता है। इसके अलावा बाघ परियोजना (Water project in MP) है, जिसका काम अभी चल रहा है। वहीं, नर्मदा घाटी परियोजना, सरदार सरोवर परियोजना समेत अन्य परियोजनाएं हैं जो दोनों राज्यों के बीच चल रही है।
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