मोदी कैबिनेट के इस फैसले से घटेगी मुंबई-इंदौर की दूरी, नई रेलवे लाइन परियोजना को मिली मंजूरी
Mumbai Indore Rail Line भोपाल: अब मुंबई से इंदौर की दूरी और घटने वाली है। दरअसल, केंद्रीय मंत्री-परिषद ( Modi Cabinet) ने मुंबई-इंदौर के बीच 309 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी है। यह रेल परियोजना महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के उन जिलों को जोड़ेगी, जो अब तक रेल मार्ग से नहीं जुड़े हैं। इस परियोजना में क्या खास है और इस रेल परियोजना से किन-किन जिलों को लाभ मिलने वाला है आइए विस्तार से जानते हैं।
मुंबई-इंदौर नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रि-मंडलीय समिति (CCEA) ने रेल मंत्रालय के तहत लगभग 18 हजार 36 करोड़ रुपए की लागत वाली नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी है। इंदौर और मनमाड़ के बीच प्रस्तावित नई रेल लाइन सीधा संपर्क करेगी। यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है। रेल लाइन शुरू होने से क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आवाजाही में सुविधा होगी।
केंद्रीय कैबिनेट में ₹18036 करोड़ लागत से बनने वाली मुंबई - इंदौर नई रेल लाइन की मंजूरी दी गई है। 309 km की रेलवे लाइन अंतर्गत 30 नए रेलवे स्टेशन बनेंगे और प्रदेश के 6 जिलों को जोड़ते हुए इंदौर से मनमाड को जोड़ेगी, जिससे प्रत्यक्ष रोजगार और व्यापार में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।… pic.twitter.com/Hxr3SWz85T
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 2, 2024
महाराष्ट्र के 2 और मध्य प्रदेश के 4 जिले होंगे शामिल
यह रेलवे परियोजना (Mumbai Indore Rail Line) महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 6 जिलों को जोड़ेगी, जिससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी। परियोजना के साथ 30 नए स्टेशन भी बनाए जाएंगे। इस परियोजना से बड़वानी जिले को विशेष लाभ मिलने वाला है।
नई रेलवे लाइन परियोजना से 30 लाख आबादी को मिलेगा लाभ
यह परियोजना देश के पश्चिमी दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़ने वाला छोटा रास्ता उपलब्ध कराकर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Mahakaleshwar Jyotirlinga Temple) सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। परियोजना से पीथमपुर ऑटो क्लस्टर (90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग) को जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से सीधा सम्पर्क मिलेगा।
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