Police Station Temple Case: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पुलिस थानों में मंदिरों को हटाने की मांग करने वाली याचिका खारिज की

Police Station Temple Case: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने थानों में बन रहे मंदिरों के नव निर्माण रोकने ओर निर्मित हो चुके मंदिरों को हटवाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
police station temple case  मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पुलिस थानों में मंदिरों को हटाने की मांग करने वाली याचिका खारिज की

Police Station Temple Case: जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ ने प्रदेशभर के थानों में बन रहे मंदिरों के नव निर्माण रोकने ओर निर्मित हो चुके मंदिरों को हटवाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। जबलपुर निवासी याचिकाकर्ता एडवोकेट ओपी यादव ने जबलपुर शहर के सिविल लाइन, लार्डगंज, मदन महल और विजय नगर थानों में बने मंदिरों को लेकर याचिका लगाई थी। मंदिरों की तस्वीरें कोर्ट में पेश करते हुए याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि पुलिस अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर सरकारी जगहों पर अपनी मर्जी से मंदिरों का अवैध निर्माण कर रहे हैं।

हाई कोर्ट पूर्व में दे चुका है फैसला

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बैंच ने पुलिस थानों में मंदिरों के निर्माण से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ओपी यादव की इस याचिका को हाईकोर्ट ने गुरुवार को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि कोर्ट साल 2009 में पहले ही इस विषय पर आदेश जारी कर चुका है। पूर्व के आदेश में यह कहा जा चुका है कि सार्वजनिक संपत्ति पर किसी भी प्रकार का धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता। याचिकाकर्ता एडवोकेट ओ पी यादव ने इन धार्मिक स्थलों को हटाने की मांग की थी। लेकिन, कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए सवाल किया कि एक ही मुद्दे पर पुनः याचिका क्यों दायर की गई?

हाई कोर्ट में पूर्व में हुई याचिका पर सुनवाई

गुरुवार को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में भले ही चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की डबल बैंच ने याचिका को खारिज कर दिया हो लेकिन इस याचिका पर हाई कोर्ट में तीन बार सुनवाई हो चुकी है। इससे पहले 4 नवंबर, 19 नवंबर और 16 दिसंबर को भी इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। बार काउंसिल के अधिवक्ता दिनेश अग्रवाल ने भी हस्तक्षेप किया और बताया कि वर्तमान याचिका में वकील वही व्यक्ति ओपी यादव हैं, जो 2009 की याचिका में याचिकाकर्ता रह चुके हैं। हाई कोर्ट ने इस आधार पर याचिका खारिज कर दी। मसलन एक ही मसले पर दोबारा दायर की गई याचिका पर कोई भी आदेश पारित नहीं हुआ। ऐसे में थानों में बने मंदिरो को हटाने, निर्माण रोकने की यथा स्थिति बनी रह सकती है।

कई थानों में अंग्रेजों के जमाने से बने हैं मंदिर

कुछ थानों में अंग्रेजों के समय से बने हनुमान मंदिर भी हैं। जैसे जबलपुर के कोतवाली थाना परिसर में स्थित हनुमान मंदिर 150 साल पुराना है। यह मंदिर अंग्रेजी शासनकाल में पंडित नाथूराम व्यास द्वारा बनवाया गया था। इसी तरह दतिया जिले के 25 थानों में से 20 में मंदिर बने हैं। इनमें से 5 मंदिर 100 साल से भी पुराने हैं। दतिया के कोतवाली थाने में एक नया मंदिर बनाने का काम चल रहा था लेकिन हाईकोर्ट के नोटिस के बाद निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। ऐसे ही मध्य प्रदेश के दूसरे जिलों में भी पुलिस थानों में हनुमान मंदिर सहित अन्य देवी देवताओं के मंदिर बने हुए हैं।

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