Sarpanch Fake Documents: फर्जी दस्तावेज से सरपंच बनकर किया भ्रष्टाचार, शिकायत की तो फर्जी SC-ST एक्ट में फंसाने की धमकी

Sarpanch Fake Documents: पन्ना जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरपंच पद हासिल किया।
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Sarpanch Fake Documents: पन्ना। जिले के अजयगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत देवगांव से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां फर्जी प्रमाण पत्र जारी करवाकर सरपंच बनकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। बता दें कि मंगल कोंदर ने पुष्पा देवी को अपनी पत्नी बनाकर दस्तावेजों में हेरा फेरी कर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से साठ गांठ कर पुष्पा देवी के नाम ग्राम बिमतहा से ही अनुसूचित जन जाति व निवास प्रमाण पत्र फर्जी बनवा लिया। इसके बाद इसी प्रमाण पत्र के सहारे मंगल कोंदर ने पुष्पा को ग्राम पंचायत देवगांव से सरपंच का चुनाव लड़ाकर उसे सरपंच भी बना दिया।

फर्जी दस्तावेज से बना सरपंच

पुष्पा देवी इसी प्रमाण पत्र के सहारे सरपंच का चुनाव भी जीत गई। महिला सरपंच पुष्पा देवी को चुनाव लड़ाने से लेकर प्रमाण पत्र व सरपंच बनाने में ग्राम पंचायत के जिन तथा कथित लोगों का हाथ था, उनके द्वारा ग्राम पंचायत में महिला सरपंच की आड़ में भ्रष्टाचार किया जाने लगा। इस पर स्थानीय भाजपा नेता प्रमोद तिवारी के द्वारा जब विरोध किया गया तो भाजपा नेता को महिला सरपंच के द्वारा हरिजन एक्ट का मामला दर्ज करा दिया गया। भाजपा नेता प्रमोद तिवारी के द्वारा इसी बात को लेकर पुष्पा देवी के फर्जी प्रमाण पत्र की शिकायत के जांच की शिकायतें पन्ना कलेक्टर व कमिश्नर से की।

कोर्ट में भी फर्जी दस्तावेज और गलत जानकारी दी

भाजपा नेता की शिकायत को उच्च अधिकारियों ने संज्ञान में लेते हुए जांच अजयगढ़ SDM को सौंप दी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि मंगल कोंदर की विवाहित पत्नी सियाबाई है। पुष्पा देवी मंगल की विवाहित पत्नी है ही नहीं जबकि मंगल के राशन कार्ड में दोनों पत्नियों के नाम दर्ज हैं। हिन्दू धर्म में बिना किसी तलाक के दूसरी पत्नी से शादी करने का मैरिज एक्ट में कोई प्रावधान नहीं है। पुष्पा की जाति प्रमाण पत्र जारी करने में ऐसा कोई दस्तावेज नहीं लगाया गया, जिससे यह साबित हो सके कि पुष्पा ग्राम पंचायत के बिमतहा की निवासी है। यहां तक कि न्यायालय में दिए गए घोषणा पत्र में भी सही जानकारी नहीं दी गई।

बीजेपी नेता को मिली धमकी

इससे यह प्रमाणित हो सके कि पुष्पा यहीं की निवासी है। जबकि पटवारी प्रतिवेदन में भी बिना किसी जांच के प्रतिवेदन पेश किया गया। जाति प्रमाण पत्र बनाने संबंधी शासन की गाइडलाइन सन् 1950 से कोई दस्तावेज का अवलोकन नहीं किया गया। फिलहाल शिकायतकर्ता प्रमोद तिवारी के द्वारा महिला सरपंच पुष्पा देवी के ऊपर फर्जी जाति-निवास प्रमाण पत्र हासिल कर सरपंच पद प्राप्त कर लिया गया, जिसकी शिकायत SDM न्यायालय में ठंडे बस्ते पर दबी हुई है। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता सुरेंद्र मिश्रा ने कहा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। मामले को अंतिम तर्क के लिए रखा गया है। शिकायतकर्ता भाजपा नेता ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों सहित जनप्रतिधियों पर इस मामले में गंभीर आरोप लगाए।

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