Ujjain Lokayukta Action: उज्जैन लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई, बांध विस्थापन में 5 करोड़ 85 लाख का भ्रष्ट्राचार उजागर, 107 लोगों पर मामला दर्ज
Ujjain Lokayukta Action: उज्जैन। संभाग के आगर मालवा जिले की नलखेड़ा तहसील के कुंडालियां बांध विस्थापन में पुनर्वास भत्ता वितरण में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर पुलिस लोकायुक्त उज्जैन के डीएसपी राजेश पाठक को विवेचना करने में पसीना आ गया। करोड़ों रुपए के हुए इस घोटाले की जांच का जिम्मा उज्जैन लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने डीएसपी राजेश पाठक को सौंपा। राजेश पाठक ने बांध निर्माण क्षेत्र में विस्थापित हुए गांव में जाकर भौतिक सत्यापन के लिए गांव की गलियां छानी।
भ्रष्टाचार में लोगों की मिलीभगत
अधिकारियों से लेकर मुआवजा राशि लेने वाले किसान परिवारों के सदस्यों तक की मिलीभगत होने से मामले की जांच में परेशानी आ रही थी। अनेक आरोपी महिला होने से लोकायुक्त पुलिस को महिला पुलिस का भी सहारा लेना पड़ा। ग्रामीणों द्वारा बार-बार बयान बदलने से भी विवेचना में बाधा आ रही थी। लेकिन, डीएसपी लोकायुक्त ने अपने काम पर ध्यान दिया और राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तक के बयान लेकर प्रकरण में दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।
इतने लोगों पर मामला दर्ज
हालांकि, अभी एक ग्राम में विस्थापन भत्ता लेने में हेर-फेर करने वालों की तीन सूची ही सामने आई हैं। उसकी विवेचना के बाद 107 लोगों पर प्रकरण दर्ज किया गया। लोकायुक्त डीएसपी के मुताबिक अभी विस्थापित हुए लगभग चार और ग्रामों की विवेचना बाकी है। आरोपियों की संख्या चार सैकड़ा पार कर सकती है। संभागीय लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में आगर मालवा जिले के नलखेड़ा तहसील अंतर्गत ग्राम भंडावद में बने कुंडालिया बांध के विस्थापन के विशेष पुर्नवास भत्ता वितरण में 5 करोड़ 85 लाख के भ्रष्टाचार का मामला उजागर किया।
अधिकारियों-कर्मचारियों ने किया भ्रष्टाचार
मामले में 107 हितग्राहियों ,बिचौलियों, अधिकारियों ,विभिन्न विभाग के कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया। प्राथमिक जांच में सामने आया कि कुंडालिया बांध निर्माण के समय तहसील नलखेड़ा ग्राम भंडावद में बांध निर्माण हेतु गांव का विस्थापन किया जाना था। योजना अनुसार बांध के दायरे में आ रहे ऐसे परिवार जिनमें 18 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष एवं 18 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित महिलाओं को विस्थापन हेतु 5 लाख विशेष पुर्नवास भत्ता दिया जाना था।
इसके लिए हितग्राहियों द्वारा किए गए आवेदनों के साथ उपलब्ध पहचान एवं उम्र संबंधी आवश्यक दस्तावेजों की जांच महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव ,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की बनाई गई संयुक्त कमेटी द्वारा की जानी थी। ग्राम भंडावद के हितग्राहियों के अभिभावकों द्वारा अपने 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिग बच्चों के आवेदन पत्र के साथ पहचान एवं उम्र संबंधी दस्तावेज, अंक सूची, आधार कार्ड आदि में काट-छांटकर और वयस्क बच्चों को अवयस्क दर्शा दिया गया।
दस्तावेजों में गलत जानकारी दी
उक्त कमेटी के अधिकारियों, बिचौलियों के साथ सांठ-गांठ कर नियमों के विरुद्ध जाकर अवैध रूप से लाभ प्राप्त किया गया। दस्तावेजों की जांच, कमेटी द्वारा जांच समुचित तरीके से नहीं की गई। इसके कारण कुंडलिया डैम विस्थापन के विशेष पुर्नवास भत्ता के तहत अपात्र अवयस्क हितग्राहियों को अवैध रूप से 5 करोड़ 85 लाख का भुगतान कर दिया गया। इसमें शासन को वित्तीय हानि हुई इस काम में शामिल 9 लोक सेवकों सहित बिचौलियों एवं हितग्राहियों कुल 107 लोगों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच अभी जारी है।
(उज्जैन से विश्वास शर्मा की रिपोर्ट)
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