Violence In Bangladesh: हिंसक घटनाओं के बाद बांग्लादेश में कर्फ्यू, अब तक 105 लोगों की मौत, 400 भारतीय छात्र देश लौटे
Violence In Bangladesh: सरकारी नौकरियों में आरक्षण की बहाली के खिलाफ बढ़ते विरोध के कारण बांग्लादेश में पढ़ रहे 400 से अधिक भारतीय छात्र स्वदेश लौट आए हैं। तीन सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में अब तक 105 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। प्रदर्शन के दौरान छात्रों की सुरक्षा बलों और सरकार समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हुई है। आइए इस खबर के बारे में और अधिक जानते हैं।
ऐसे हुई विवाद की शुरुआत
ढाका विश्वविद्यालय में सोमवार को उस समय स्थिति बिगड़ गई जब हिंसा ने व्यापक रूप ले लिया। उस हिंसा में 6 लोगों की मौत के बाद देश भर के विश्वविद्यालय बंद हो गए। वैसे बांग्लादेश में पिछले कुछ महीने से कई शहरों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यह अशांति सरकार के उस फैसले से शुरू हुई थी, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ देश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30% तक आरक्षण देने का फैसला किया गया था।
इस कोटा प्रणाली को 2018 में समाप्त कर दिया गया था, लेकिन पिछले महीने एक अदालती आदेश द्वारा इसे वैध घोषित करके इसे फिर से लागू कर दिया गया था। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को चार सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया, लेकिन छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
छात्र क्यों कर रहे हैं विरोध?
बांग्लादेश के छात्र चाहते हैं कि सरकार 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानी के परिजनों को दिए जाने वाले 30% कोटे को खत्म करे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोटा चाहने वाले मुख्य रूप से अवामी लीग के समर्थक हैं, जो बांग्लादेश में सत्ताधारी पार्टी है। छात्र कोटे के बजाय योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां देने की मांग कर रहे हैं।
करीब 400 भारतीयों को निकाला गया, कई अभी भी फंसे
भारतीय दूतावास ने मीडिया को जानकारी दी है कि बांग्लादेश में करीब 15,000 भारतीय हैं और इनमें से लगभग 8,500 छात्र हैं। सरकार ने लगभग 400 लोगों को निकाला है। मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा ने कहा कि वह बांग्लादेश में भारतीय दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं और उन्होंने सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। कई राज्यों में परिजनों ने अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए विदेश मंत्रालय से मदद की गुहार लगाई है।
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