Laxman Talaiya Gwalior: ग्वालियर के लक्ष्मण तलैया में दिखते हैं दाढ़ी-मूछों वाले सांप, यहां के मंदिर भी हैं प्रसिद्ध
Laxman Talaiya Gwalior: ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में किले की तलहटी में पहाड़ी पर बसी हुई लक्ष्मण तलैया शहर के रमणीय स्थलों में एक मानी जाती है। इसका इतिहास लगभग 100 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है। यहां स्थित तालाब का निर्माण सरदार लक्ष्मण राव के द्वारा कराया गया था, इसी कारण इसका नाम भी उनके नाम पर ही पड़ गया। इस स्थान पर भगवान शिव और हनुमान जी का काफी पुराना मंदिर भी स्थापित है। साथ ही यहां पर बहुत सारी पुरानी गुफाएं भी हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। वर्तमान में यहां पर घनी बस्ती और आबादी हो गई है।
कई सिद्ध संतों ने की थी यहां तपस्या
जानकारों की मानें तो लक्ष्मण तलैया में बहुत पानी है। तलैया का निर्माण सौरो कुंड के समान कराया गया है जिससे बरसात के समय पहाड़ी क्षेत्र से आने वाला पानी भी इसके अंदर जमा हो जाता है। लक्ष्मण तलैया में बड़ी संख्या में मछली, कछुए, मेंढ़क और अन्य जलीय जीव रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सदियों पहले यहां पर कई सिद्ध पुरुषों द्वारा तपस्या भी की गई थी। ऐसा भी माना जाता है कि इस क्षेत्र में क्रांतिकारियों ने लंबा समय व्यतीत किया था।
लक्ष्मण तलैया में है शिवजी का मंदिर
लक्ष्मण तलैया (Laxman Talaiya Gwalior) के ठीक नीचे पानी में शिवजी का एक अद्भुत और आकर्षक मंदिर स्थापित है जो कि हर समय पानी में ही डूबा रहता है। वहीं तुलसीदास की गुफा और झिलमिलकुंड भी यहां आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं। पहाड़ों के बीच स्थित झिलमिलकुंड लगभग 60 से 70 फुट गहरा बताया जाता है। इस कुंड में पहाड़ी क्षेत्र से शुद्ध पानी भी आता है। पहले इस पानी का उपयोग यहां के लोग दैनिक कार्यों के लिए करते थे। इस पानी का रंग एकदम हरा है। कुंड तक पहुंचने का रास्ता भी काफी खतरनाक है और पहाड़ियों पर काफी तंग रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है।
बरसात में दिखाई देते हैं दाढ़ी-मूछों वाले सफेद नाग
स्थानीय लोगों के अनुसार जब बरसात होती है, उस समय पहाड़ों में एक सफेद नाग भी दिखाई देता है। इस नाग की बड़ी-बड़ी दाढ़ी और मूछें भी दिखाई देती हैं लेकिन यह किसी को परेशान नहीं करता। वही एक रघुवंशी नाग भी यहां पर अक्सर दिखाई देता है जिसका सर लाल और बाकी शरीर सुनहरा होता है। इन नागों की लंबाई तकरीबन 7 से 8 फुट बताई जाती है।
तुलसीदास की जी गुफा भी है आकर्षक स्थान
लक्ष्मण तलैया (Laxman Talaiya Gwalior) के ठीक पास तुलसीदास जी की भी एक गुफा है। यहां के लोगों का कहना है कि जब तुलसीदास जी ने अयोध्या से बृज की यात्रा की थी, उस समय उनके द्वारा कुछ समय यहां पर इस गुफा में बिताया गया था, तभी से इस गुफा का नाम तुलसीदास की गुफा पड़ गया है। इस गुफा में एक शिवलिंग भी स्थापित है।
भंडारे के समय मौनी बाबा ने दिखाया था चमत्कार
लक्ष्मण तलैया के महंत ने जानकारी देते हुए बताया कि महंत सूरज दास द्वारा यहां बहुत वर्षों पूर्व एक भंडारे का आयोजन करवाया गया था। उस वक्त भंडारे में घी कम पड़ गया तो मौनी बाबा ने कहा कि तलैया में से एक टीन पानी भरकर कढ़ाई में डाल दें। ऐसा करते ही कढ़ाई में डालने के बाद सारा का सारा पानी घी में बदल गया। लक्ष्मण तलैया में मुख्य आकर्षण का केंद्र वहां पर रहने वाले बंदर हैं। दूर-दूर से लोग इनको खाना खिलाने के लिए भी आते हैं। लक्ष्मण तलैया में हनुमान जी और वराह भगवान का मंदिर, तुलसीदास की गुफा और झिलमिलकुंड देखने योग्य स्थान हैं। लक्ष्मण तलैया (Laxman Talaiya Gwalior) के इस पूरे क्षेत्र में सैकड़ो गुफाएं बनी हुई है जहां पर प्राचीन काल में सिद्ध लोगों द्वारा तपस्या भी की गई है।
(ग्वालियर से सुयश शर्मा की रिपोर्ट)
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