Chhindwara Superstition News: पीपल के पेड़ के नीचे भूत-प्रेत बाधांओं से मुक्ति का दावा, सालों से चली आ रही परंपरा की अद्भुत कहानी!
Chhindwara Superstition News: छिंदवाड़ा। जिले के जुन्नारदेव के नवेगांव पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम खमरताल में आज भी लोग भूत-प्रेत में काफी विश्वास करते हैं। यहां के लोग अंधविश्वास में इस तरह से जकड़े हुए हैं कि वे इससे बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं। दीपावली के 11 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा देवउठनी ग्यारस के दिन से लगभग 15 दिनों तक 24 घंटे मेले में लोगों की आवाजाही बनी रहती है। कुछ लोगों का मानना है कि यहां आकर भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है।
मालन माई माता का दरबार की महिमा
भक्तों का मानना है कि ओझाओं के द्वारा जिन पर भूत-प्रेत बाधाओं का असर होता है। ऐसे लोगों को लाकर यहां पीपल पेड़ के साथ धागा और कील के साथ बांधा जाता है। इसके बाद पूजन-पाठ किया जाता है। उसके बाद तालाब में नहाकर माता मालन माई के दरबार के दर्शन किए जाते हैं। माता के आशीर्वाद से सभी भूत-पिशाचों से मुक्ति मिल जाती है।
तालाब के चारों ओर 24 घंटे चलता है मेला
कार्तिक अमावस्या के बाद से शुरू इस मेले में 24 घंटे लोगों की आवाजाही बनी रहती है। विशेष तौर पर दिन की अपेक्षा रात के समय जंतर-मंतर, झाड़-फूंक करने वालों का आना-जाना अधिक होता है। वहीं, यहां तालाब और मंदिर के चारों ओर मेला लगा रहता है। ढोल, नगाड़ों पर नाचते हुए लोग नजर आते हैं। इस मेले में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बैतूल के लोग भी इस पहुंचते हैं। मालन माई माता समिति के अध्यक्ष ने बताया कि इस मेले में हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। माता के आशीर्वाद से कई लोग ठीक होकर जाते हैं।
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