Gwalior Fraud Case: BSF कैंटीन में सप्लाई पार्टनर बनाने के नाम पर ट्रांसपोर्टर से 47 लाख की धोखाधड़ी, ऐसे जालसाजों से सावधान

Gwalior Fraud Case ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ठगी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन ठग ग्वालियर में किसी ने किसी तरीके से लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। ठगी का एक...
gwalior fraud case  bsf कैंटीन में सप्लाई पार्टनर बनाने के नाम पर ट्रांसपोर्टर से 47 लाख की धोखाधड़ी  ऐसे जालसाजों से सावधान

Gwalior Fraud Case ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ठगी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन ठग ग्वालियर में किसी ने किसी तरीके से लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। ठगी का एक मामला और सामने आया है, जिसमें तीन लोगों ने एक ट्रांसपोर्टर को BSF कैंटीन में सप्लाई में अपना सहभागी बनाने के लिए उसके साथ 47 रुपए की ठगी (Fraud with Transport Businessman in Gwalior) की वारदात को अंजाम दिया है। आखिर पूरा मामला क्या है आइए विस्तार से जानते हैं।

ग्वालियर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी से 47 लाख रुपए की धोखाधड़ी

पूरा मामला हजीरा थाना क्षेत्र के मां वैष्णो पुरम (Gwalior Fraud Case) का है। ट्रांसपोर्टर को ठगी का पता उस समय चला, जब उसका काफी पैसा इन्वेस्ट हो गया लेकिन उसका एक भी पेमेंट नहीं आया। पैसा वापस न आने के बाद ट्रांसपोर्टर के द्वारा आरोपियों के काफी घर के चक्कर लगाए, लेकिन फिर भी पैसा वापस नहीं मिला और न उसको साझेदारी मिली। आखिरकार ट्रांसपोर्टर ने इसकी शिकायत हजीरा थाने में दर्ज कराई है। ट्रांसपोर्टर की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

BSF कैंटीन में सप्लाई पार्टनर बनाने का लालच देकर लाखों की ठगी

पुलिस अधिकारियों ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया है, "हजीरा थाना क्षेत्र (Gwalior Hajira Police Station Area) स्थित मां वैष्णो पुरम कॉलोनी पीतांबरा धर्म कांटे के पास ट्रांसपोर्ट कारोबारी की मुलाकात रिचा और राम प्रकाश तोमर से हुई। आरोपियों ने बताया कि BSF कैंटीन में उनका सप्लाई का ठेका है। यदि अगर वह चाहे तो उनके साथ पार्टनर बन सकते हैं। उन्हें इसके बदले में 10% की साझेदारी मिल जाएगी। आरोपी के साथी ने उन्हें कैंटीन सप्लाई का टेंडर भी दिखाया। काम अच्छा होने के चलते ट्रांसपोर्टर उनके साथ पार्टनरशिप में काम करने के लिए तैयार हो गया। शुरुआत में ट्रांसपोर्टर ने बहुत छोटा इन्वेस्टमेंट किया, लेकिन उसका मुनाफा अच्छा और सही समय पर मिल गया।

फर्जी दस्तावेज से जाल में फंसाते हैं ठग

उसके बाद ट्रांसपोर्टर ने अपनी जमीन और कुछ प्रॉपर्टी बेचकर करीब 46 लाख का इन्वेस्ट किया। इसमें काफी समय बीतने के बाद भी प्रॉफिट के रूप में रुपए नहीं मिले। काफी चक्कर लगाने के बाद आरोपियों ने कहा कि BSF के ऑफिसर बदल गए हैं। इसलिए पेमेंट में समय लग रहा है। इसके बावजूद भी वह जब भी पेमेंट लेने जाते तो आरोपी और उसके साथी कोई न कोई बहाना बनाकर उन्हें टाल देते। जब बार-बार चक्कर लगाने की बावजूद भी पैसा उसके खाते में नहीं आया तो पीड़ित BSF कार्यालय पहुंच गया। जब उसने पूरे मामले की जानकारी निकाली तो पता चला कि जिस फर्म की वह जानकारी दे रहा है, यहां पर उस का कोई टेंडर ही नहीं हुआ है। जब उसने ठगों द्वारा दिए दस्तावेज दिखाए तो पता चला कि सभी कागजात फर्जी हैं।

धौलपुर में भी युवक के साथ आरोपी दंपति ने की ठगी

ऐसे में ट्रांसपोर्टर को जैसे ही पता चला कि उसके साथ ठगी (BSF Canteen in Gwalior) हुई है तो पीड़ित फौरन थाने पहुंचा और ठगी की शिकायत दर्ज कराई। काफी समय बीतने के बावजूद भी जब पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की तो पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। अब कोर्ट ने मामले में पुलिस को एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस हरकत में आई और मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने जांच में यह भी पता लगाया है कि जिस दंपति ने ठगी की है, वह धौलपुर में भी एक अन्य युवक के साथ इसी तरह से ठगी की है। वहां पर भी आरोपी दंपति के खिलाफ मामला दर्ज है। फिलहाल पुलिस आरोपी दंपति की तलाश में जुटी है।

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